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Budget 2022 : वाजपेयी की राह पर चलते दिखे नरेंद्र मोदी, बदली वर्षों पुरानी परंपरा

Budget 2022 : देश का बजट पेश होने में बस कुछ दिन का समय ही रह गया है. 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नरेंद्र मोदी सरकार का 10वां आम बजट पेश करेंगी. इस बीच आपको थोड़ा बजट इतिहास के बारे में जानना भी जरूरी है। हम आपको बता रहे हैं केंद्र में भाजापा की अगुआई वाली अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट के साथ जुड़ी परंपराओं में अब तक क्या क्या बदलाव किए हैं.

News Nation Bureau | Updated : 26 January 2022, 02:59:12 PM
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अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी

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Budget 2022 : देश का बजट पेश होने में कुछ दिन का समय ही रह गया है. 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नरेंद्र मोदी सरकार का 10वां आम बजट पेश करेंगी. इस बीच आपको थोड़ा बजट इतिहास के बारे में जानना भी जरूरी ह.  हम आपको बता रहे हैं केंद्र में भाजापा की अगुआई वाली अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट के साथ जुड़ी परंपराओं में अब तक क्या-क्या बदलाव आएं हैं. 

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आम बजट की तारीख बदली

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साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले तक बजट फरवरी महीने की आखिरी तारीख 28 या 29 फरवरी थी. लेकिन मोदी सरकार ने इस परंपरा को बदला और आम बजट पेश करने की तारीख फरवरी के अंत के बजाय शुरुआत से कर दी। यानी बजट 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा.

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रेल बजट में बदलाव

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परंपराओं को बदलने की दौड़ में नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2016 में इसे भी बदलने का काम किया था. आपको बता दें कि 2016 से पहले रेल बजट को आम बजट से कुछ दिन पहले अलग से पेश किया जाता था, लेकिन 2016 में इसे बदलते हुए तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाकर पेश किया था. देश का पहला बजट 1924 में पेश हुआ था. 

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लाल ब्रीफकेस की तोड़ी परंपरा

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1947 से देश का आम बजट संसद में पेश होने के लिए एक लाल रंग के ब्रीफकेस में आया करता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साल 2019 में इस परंपरा में भी बदलाव किया और लाल ब्रीफकेस के बजाय बजट लाल कपड़े में लपेटकर बही-खाते के रूप में लाया जाने लगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बदलाव पर कहा था कि देश का बजट दरअसल देश का बही-खाता होता है. इसलिए यह बदलाव किया गया है. 

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मोदी के बड़े बदलाव

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देश के रईसों पर लगने वाले वेल्थ टैक्स को हटा दिया गया और इसके बजाय सरचार्ज लगाया जाने लगा.  2016 के बजट में सरकार ने 1 करोड़ से अधिक की कमाई करने वाले अमीरों पर सरचार्ज 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी गई थी. 

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वाजपेयी सरकार

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1999 से पहले सभी बजट शाम किए जाते थे. लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 में इस परंपरा को तोड़ते हुए आम बजट सुबह 11 बजे पेश किया था.