त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला यह इमारत 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली है. इसके तीन मुख्य द्वार हैं - ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार है.
भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए नए संसद भवन में एक भव्य संविधान कक्ष, सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग का निर्माण किया गया है.
नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य, जबकि राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं.
दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों का किया जा सकता है प्रबंध.
ये संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है. नये संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है.
ये संसद भवन में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है. राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था. हरा पत्थर उदयपुर से, तो अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है.