रामायण का पहला अध्याय है बालकांड
हिन्दू आस्था का बड़ा त्योहार नवरात्रि शनिवार से शुरू हो रहा है और दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम रावण का वध करते हैं। लंकापति रावण ने सीता का अपहरण किया था, जिसके बाद भगवान राम ने 10 दिनों तक अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए रावण ये युद्ध किया जिसमें उसे हार मिली। नवरात्रि के मौके पर न्यूज स्टेट अपने स्पेशल कवरेज में रामायण से जुड़ी सात कांड (बालकांड, अयोध्याकांड अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड, उत्तरकांड) से रूबरू कराएगा। आज आपको बताते हैं वाल्मीकि द्वारा लिखे गये महाकाव्य रामायण के बालकाण्ड के बारे में।
बालकांड में राम के बचपन का है वर्णन
बालकांड में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के बचपन का वर्णन है। अयोध्या के राजा दशरथ के तीन रानियां कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा थी लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। 'पुत्र कामेष्टि यज्ञ' के बाद रानी कौशल्या के गर्भ से राम ने जन्म लिया। सुमित्रा ने शत्रुघ्न और लक्ष्मण तथा कैकेयी ने भरत को जन्म दिया।
जमीन से मिली थी सीता
इसी समय मिथला के राजा जनक के यहां सीता ने जन्म लिया। कहा जाता है कि कि खेत जोतते समय उन्हें जमीन से सीता मिली थी जिसे उन्होंने अपनी पुत्री के रूप में अपनाया।
अयोध्या के चारों राजकुमार ने अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा ली
इसी बीच ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के यहां आकर उनके चारों पुत्रों को शिक्षा देने के लिये आश्रम ले जाते हैं। उन्हें वेद पुराणों के साथ ही अस्त्र-शस्त्रों की शिक्षा दी। धनुधारी राम ने ताड़का और सुबाहु जैसे राक्षसों को मार डाला और मारीच को बिना फल वाले बाण से मार कर समुद्र के पार भेज दिया। उधर लक्ष्मण ने राक्षसों की सारी सेना का संहार कर डाला।
शिव धनुष तोड़कर राम ने किया सीता से विवाह
तभी राजा जनक राजकुमारी सीता के स्वयंवर की घोषणा करते हैं और विश्वामित्र उन्हें मिथिला लेकर जाते हैं। कई प्रयासों के बाद भी जनक के दरबार में शिव का धनुष कोई तोड़ नहीं पाता। फिर भगवान राम ने शिव धनुष तोड़कर सीता से विवाह किया।
राम और सीता का विवाह
राम और सीता के विवाह के साथ ही साथ भरत का माण्डवी से, लक्ष्मण का उर्मिला से और शत्रुघ्न का श्रुतकीर्ति से विवाह करवाया गया।