अरण्यकांड 1
नवरात्रि के मौके पर न्यूज स्टेट के स्पेशल कवरेज में आज आपको बताएंगे रामायाण के अयोध्या कांड के बारे में। वाल्मीकि द्वारा लिखे गये रामायण में सात कांड (बालकांड, अयोध्याकांड अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड, उत्तरकांड) का जिक्र है।
श्री राम केवट के साथ
राम केवट की मदद से नदी के उस पार जाते हैं और उसकी भक्ति को देखकर वो प्रसन्न होते हैं।
सूर्पनखा सीता की ओर मारने दौड़ती है
वन में प्रवास के दौरान सूर्पनखा घूमती हुई राम की कुटिया पर आ जाती है और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है। लेकिन राम और लक्ष्मण दोनों मना कर देते हैं। जिससे नाराज़ हो वो सीता को मारने दौड़ती है।
लक्ष्मण ने काटी सूर्पनखा की नाक
लक्ष्मण उसकी नाक काट लेते हैं। वो रोती रावण के पास जाती है और रावण अपने मामा मारीच को मृग के रूप में राम की कुटिया के पास भेजता है।
सीता मृग को देखती हुई
सीता उस मृग को देखकर मोहित हो जाती हैं और राम से उस मृग को पकड़कर लाने के लिए कहती हैं।
राम वन में मृग के पीछे जाते हुए
सीता की बात सुनकर राम वन में मृग के पीछे जाते हैं।