लंकाकांड
रावण से युद्ध के लिए राम अपनी सेना को तैयार करते है। वानर सेना पत्थरों पर श्री राम लिख कर पुल बनाती है और उसकी मदद से सेना पुल पार करती है। राम और रावण के युद्ध के बारे में जानने के लिए पढ़े लंकाकांड।
मेघनाद
समुद्र पार कर राम की सेना लंका पहुंचती है और रावण की सेना के साथ भयंकर युद्ध होता है। रावण की सेना के सैनिक मारे जाते हैं।
मेघनाद के बाण से लक्ष्मण घायल हो जाते हैं
अपनी सेना का विनाश देख रावण मेघनाथ को युद्ध के लिये भेजता है। वो भयानक युद्ध करता है और उसका सामना करने के लिये राम लक्ष्मण को भेजते हैं। मेघनाद तांत्रिक शक्तियों का लक्ष्मण को घायल कर मूर्छित कर देता है। लक्ष्मण की हालत देख राम परेशान हो जाते हैं और विभीषण की सलाह पर लंका के राजवैद्य सुषेण को इलाज के लिये बुलाते हैं।
हनुमान
सुषेण कहते हैं लक्ष्मण को हिमालय में मिलने वाली संजीवनी बूटी ही बचा सकती है। हनुमान बूटी लाने के जाते हैं और सुषेण के इलाज से लक्ष्मण स्वस्थ्य हो जाते हैं।
कुम्भकर्ण
लंका में रावण लक्ष्मण के ठीक होने से चिंतित होता है और युद्ध के लिये छोटे भाई कुम्भकर्ण को जगाने की कोशिश करता है। ब्रह्मा के शाप से कुम्भकर्ण सिर्फ सोता रहता था और 6 महीने में एक बार जागता था।