यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के पूर्व संरक्षक मुलायाम सिंह यादव का आज 81 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका सियासी सफर काफी लंबा रहा.
मुलायम सिंह यादव (Mulayam singh Yadav) ने पहली बार 1996 में मैनपुरी सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी.
मुलायम सिंह यादव पहली बार 1967 में विधायक बने थे, इसके बाद 1989 में पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने.
मुलायम सिंह तीन साल तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे , इसके बाद उन्होंने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापनी की.
मुलायम सिंह की मौत के बाद से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. पीएम मोदी से लेकर अखिलेश यादव, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उनकी मौत पर शोक जताया है.
मुलायम सिंह ने राजनीति से पहले बतौर अध्यापक अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने स्कूल में सामाजिक विज्ञान पढ़ाया.
मुलायम सिंह को अखाड़े का पहलवान भी कहा जाता था, वो कई प्रतिद्वंद्वियों के मारने में माहिर रहे हैं.
2014 में उन्होंने आजमगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़े और दोनों जगह से जीत हासिल की. इसके बाद उपचुनाव में उनके पोते ने जीत दर्ज की.
एक बार फिर सपा नेता 2019 में मैनपुरी सीट से चुनाव जीतकर संसद बने. उनका सियासी सफर में कई उतार-चढ़ाव भी आए.
मुलायम सिंह के परिवार में उनकी बेटे से लेकर उनकी बहू तक राजनीति में सक्रिय रहे हैं, फिलहाल अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.