तस्वीरों के जरिये जानें फिदेल कास्त्रो और भारत का कनेक्शन
क्यूबा में कम्यूनिस्ट क्रांति के जनक और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का शनिवार को 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया
News Nation Bureau | Updated : 26 November 2016, 09:01:42 AM
फिदेल कास्त्रो, इंदिरा गांधी व जैल सिंह (Getty Images)
क्यूबा में कम्यूनिस्ट क्रांति के जनक और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का शनिवार को 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। कास्त्रो निश्चित रूप से अब तक के सबसे बड़े कम्यूनिस्ट नेताओं में से एक थे। शीतयुद्ध के दौरान उन्होंने अमेरिकी नीतियों के धुर विरोधी नेता के तौर पर पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई थी। कास्त्रो 50 से भी ज्यादा साल तक क्यूबा के राष्ट्रपति रहे।
फिदेल कास्त्रो अमेरिका के नीतियों की खुले तौर पर विरोध करते थे।भारत से भी कास्त्रो का गहरा कनेक्शन था।देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की ओर से शुरू किए गए गुट निरपेक्ष आंदोलने के शुरूआती समर्थकों में शामिल थे।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और ज्ञानी जैल सिंह सातवां गुट निरपेक्ष सम्मेलन में भाग लेने आये क्यूबा के प्रमुख का स्वागत करते हुए।(Getty Images)
कास्त्रो को भारत के सबसे गहरे दोस्तों में शुमार किया जाता था। शीतयुद्ध के दौरान भारत और क्यूबा बेहद पास आ गए थे। भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने क्यूबा की यात्रा भी की थी।
एयरपोर्ट पर इंदिरा गांधी से मिलते हुए फिदेल कास्त्रो।(Getty Images)
1983 में दिल्ली में हुए गुट निरपेक्ष आंदोलन के सम्मेलन में फिदेल कास्त्रो एक स्टार थे। उसी सम्मेलन में चेयरमैन की कुर्सी तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देते हुए करते हुए वह इंदिरा गांधी के गले लगे।
इंदिरा गांधी, फिदेल कास्त्रो और अन्य देशों के प्रमुख नई दिल्ली में आयोजित सातवां गुट निरपेक्ष सम्मेलन में भाग लेते हुए।(Getty Images)
एक बार कास्त्रो ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी. पी. श्रीनिवासन से कहा था कि आप हमें एक हजार गोरखा सैनिक दे दें तो हम अपने पड़ोसियों को नियंत्रण में कर लेंगे।
बुल्गारिया के एक गांव स्टैरो जेलेज़र के एक चर्च में लगी इंदिरा गांधी व फिदेल कास्त्रो की एक पेंटिंग। (Getty Images)
कास्त्रो को यह बात मालूम थी कि गोरखा सैनिक ब्रिटिश आर्मी में 200 साल से थे। उन्होंने गोरखाओं के बारे में काफी पढ़ा था।
क्यूबा के प्रेसिडेंट फिदेल कास्त्रो और यासिर अराफात सातवें गुट निरपेक्ष आंदोलन में एक साथ हाथ खड़े करते हुए (Getty Images)
कांग्रेसी नेता नटवर सिंह ने अपने एक आर्टिकल में जिक्र किया कि यासिर अराफात ने कास्त्रो से पूछा कि क्या इंदिरा गांधी आपकी दोस्त है? जिस पर कास्त्रो ने कहा इंदिरा मेरी बड़ी बहन, मैं उसके लिए कुछ भी करूंगा।