बिहार में 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के साथ-साथ नशा मुक्ति, बाल विवाह रोकथाम एवं दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रविवार को करीब 4 करोड़ से ज्यादा लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर मानव श्रृंखला बनाई. सरकार की ओर से दावा किया गया कि यह अनोखी मानव श्रृंखला पूरे बिहार में 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी बनी है.
राजधानी पटना में मानव श्रृंखला का मुख्य कार्यक्रम हुआ, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरूआत की. इस दौरान वहां उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल पुरुष राजेंद्र सिंह सहित कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे.
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुब्बारों के गुच्छे को आसमान में उड़ाकर इस श्रृंखला की शुरुआत की. गांधी मैदान से चार श्रेणियों में निकली यह मानव श्रृंखला राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला, प्रखंड, पंचायत, गांवों की विभिन्न सड़कों और पगडंडियों से होकर गुजरी.
श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी इस मानव श्रृंखला में भाग लिया. मंत्री विजय सिन्हा के समर्थन उनके समर्थन और सुरक्षाकर्मी भी कतारों में लगे दिखे.
मानव श्रृंखला के जरिए नशा मुक्ति, बाल विवाह रोकथाम एवं दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य जगह-जगह नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया गया.
रविवार के दिन स्कूलों की छुट्टी होने के बाद भी छात्र-छात्राओं ने बढ़कर हिस्सा लिया. विभिन्न इलाकों में सड़कों पर स्कूली बच्चे मानव श्रृंखला की कतारों में लगे.
मानव श्रृंखला में जल जीवन हरियाली, नशा मुक्ति, बाल विवाह, एवं दहेज उन्मूलन अभियान के समर्थन में सिवान जिला के जे.पी. चौक पर कला संस्कृति एवं युवा मंत्री प्रमोद कुमार ने भाग लिया.
राज्य सरकार ने 'जल, जीवन, हरियाली' के समर्थन में आज राज्य भर में मानव श्रृंखला का आयोजन किया. इसके तहत मुजफ्फरपुर के बोचहा तहसील में गंडक नदी में नावों पर मानव श्रृंखला बनाने का काम अथर गांव के लोगों ने किया
इस मानव श्रृंखला में पुलिसकर्मियों ने भाग लिया. कई जिलों में पुलिसकर्मी 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के साथ-साथ नशा मुक्ति, बाल विवाह रोकथाम एवं दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मानव श्रृंखला बनाते दिखे.
सरकार ने इस मानव श्रृंखला की तस्वीर और वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर लगाए गए थे.
इस दौरान कुछ हैरान कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आई. मानव श्रृंखला के लिए कतारों में लगे बच्चों के पास तन पर कपड़ा नहीं और पैरों में चप्पल तक नहीं थी. कतारों में बच्चे सर्दी के मौसम में भी नंगे पैर और बिना गर्म कपड़ों के लगे थे.
नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना के समर्थन में बनी मानव शृंखला में कई जगह लोग CAA, NRC और NPR के खिलाफ बैनर पोस्टर लेकर कतारों में खड़े दिखे.