प्रारंभिक दौर (1858-1947): भारतीय बजट की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान हुई. ब्रिटिश सरकार ने पहले बजट 1860-61 में पेश किया.
स्वतंत्रता के बाद (1947-1950): भारत की आजादी के बाद, पहला स्वाधीन भारतीय बजट 1947-48 में पेश किया गया.
गणराज्य के निर्माण (1950-1991): भारतीय संविधान के लागू होने के बाद, भारतीय बजट गणराज्य की आर्थिक नीति का मुख्य साधन बना. इस अवधि में पांच योजनाओं के अधीन योजनाबद्ध विकास योजनाओं की प्रारंभिक योजनाएं शुरू की गईं.
लिबरलीकरण का काल (1991-2000): 1991 में, भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छी संवेदनशीलता के लिए उपयुक्त सुधारों की आवश्यकता हो गई, जिससे लिबरलीकरण का काल शुरू हुआ.
21वीं सदी की शुरुआत (2000-वर्तमान): भारतीय बजट अब भी विश्वास का संकेत है और वह आर्थिक नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले बजट में विभिन्न योजनाओं, निर्धारित लाभों, और आर्थिक मार्गदर्शन के लक्ष्यों को स्पष्ट किया जाता है.