नरेंद्र मोदी के साथ आडवाणी का लंबे समय से गुरु-शिष्य जैसा रिश्ता रहा है. गोधरा कांड के बाद जब गुजरात समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में दंगे शुरू हुए तो पूर्व पीएम अटल जी बहुत परेशान हुए.
वे चाहते थे कि नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री इस्तीफा दें लेकिन उस दौर में भी पीएम मोदी के साथ आडवाणी खड़े रहे. उन्होंने पीएम मोदी की खुल कर सपोर्ट की जबकि इस मसले पर वे अटल जी से सहमत नहीं थे.
ऐसा माना जाता है कि उनके जीवन में केवल दो ही मौके आए जब आडवाणी अटल बिहारी वाजपेयी से सहमत नहीं थे.एक है मोदी से रिश्ता और दूसरा है मंदिर आंदोलन को लेकर आंदोलन.
आडवाणी ने उनसे साफ शब्दों कहा कि सीएम के इस्तीफे से दंगे नहीं रुक सकते हैं उस समय पूरा विपक्ष भी हमलावर था तभी पीएम मोदी के साथ आडवाणी खड़ रहें.
भले ही पीएम खुद चाहते थे कि सीएम इस्तीफा दे दें, लेकिन अगर कोई मोदी के साथ खड़ा रहा और गुजरात में सीएम नहीं बदला तो वह थी आडवाणी की दृढ़ इच्छाशक्ति ही थी.