Budget 2022 : देश के हर राज्य और हर मंत्रालय की जरूरतों को पूरा करना कोई आसान काम नहीं है. यह एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है. राजधानी के दिल में बना नॉर्थ ब्लॉक सन 1929 में तैयार हुआ था. कत्थई रंग की इमारत के साथ अजीब संयोग जुड़ा है.इसका डिजाइन महान आर्किटेक्ट हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था, लेकिन बाद में कहा जाने लगा कि ऐसा एडवर्ट लुटियंस ने तैयार किया. कुछ समय बाद इसी इमारत में भारत का वित्त मंत्रालय काम करने लगा.
इसे तैयार करने वालों में अर्थशास्त्रियों, वित्त मामलों के जानकारों और तमाम दूसरे विशेषज्ञों की अहम भूमिका रहती है, लेकिन इसका पूरा श्रेय मिलता है वित्त मंत्री को.
बजट बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है. बजट बनाने के लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारी दिन रात मेहनत करते हैं. बजट प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए उनका संपर्क पूरी दुनिया से कटा रहता है.
बजट के अंतिम समय में तो उनके मोबाइल रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है. ऐसे में इस दौरान नॉर्थ ब्लॉक के आसपास बिना कारण घूमना भी खतरे से खाली नहीं होता है. पहले बजट 28 फरवरी को पेश किया जाता था.
तब फरवरी के तीसरे सप्ताह तक बजट बन कर लगभग पूरा हो जाता है. इसे नॉर्थ ब्लॉक के उस कमरे में रखा जाता है जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. उपर्युक्त सभी सचिवों के नेतृत्व में बजट की तैयारी चलती है लेकिन वित्त सचिव का स्थान खास होता है. उन्हें प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बार-बार अपने दफ्तर में बजट की तैयारी के लिए तलब करते रहते हैं.
इसके अलावा बजट बनाने के लिए विभिन्न चैंबरों, संस्थाओं और संगठनों से बातचीत की जाती है और उनकी राय ली जाती है. इनके अलावा अतिरिक्त सचिव व्यय, नीति आयोग के सदस्य सचिव और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद भी बजट बनाने में मदद करती है. इस दौरान पूरी टीम को प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और आर्थिक सहालकार परिषद का सहयोग मिलता रहता है.
आम बजट में देश के सभी मंत्रालयों और विभागों में साल भर में खर्च किए जाने वाली मदों और राजस्व प्राप्ति का ब्यौरा रहता है. - किन-किन योजनाओं पर साल भर में कितना खर्च करना है इसकी सभी जानकारी इस बजट में होती है. - आम बजट में एक वित्तीय वर्ष यानि 1 अप्रैल से 31 मार्च का लेखा जोखा होता है.- रेल बजट पहले आम बजट का ही हिस्सा होता था लेकिन जब रेल बजट, आम बजट के लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंच गया तो इस पर व्यापक ध्यान देने के लिए रेल बजट को आम बजट से अलग कर दिया गया.
2001 में एनडीए के शासन काल में बीजेपी के वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सालों से चली आ रही इस परंपरा को तोड़ बजट का समय सुबह 11 बजे का किया. तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है. अब मोदी सरकार ने आम बजट पेश किए जाने का समय 1 फरवरी को तय कर दिया है. अब 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाता है.