याचिका दायर कर काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी स्थल की पूजा की अनुमति मांगी थी। यह वह जगह है जहां पर पूजा की अनुमति मांगी गई।
कोर्ट में याचिका जाने के बाद से विवाद बढ़ गया। इसके बाद से मस्जिद के बाहर काफी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया.
26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था. सर्वे टीम परिसर की ओर बढ़ती हुई.
सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था. सर्वे के दौरान परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था.
श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना को लेकर विवाद 1995 में शुरू हुआ, जब स्थानीय अदालत में पहला मामला दायर किया गया और न्यायाधीश ने तब साइट के सर्वेक्षण का आदेश दिया था.
हिंदू पक्ष के हक में फैसला आने के बाद यह तस्वीर सोशल मीडिया पर छाने लगी. इस तस्वीर के नीचे कैप्शन में लिख था कि इस नंदी के बारे में सोचो जो 350 से अधिक वर्षों से शिव जी का इंतजार कर रहे हैं.