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इन 6 स्लाइडों से जानिए मध्य प्रदेश में क्यों फंसी शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी, क्या है 4% का चक्कर

There were about 76% voting in the 230 assembly seats in Madhya Pradesh on November 28. The state recorded record turnout in 61 years. This is 4 percent more than the 2013 election results (72.18 percent).

News Nation Bureau | Updated : 03 December 2018, 10:25:16 AM
28 नवंबर को करीब 76 % वोटिंग हुई

28 नवंबर को करीब 76 % वोटिंग हुई

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मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर 28 नवंबर को करीब 76 % वोटिंग हुई. राज्य में 61 साल में रिकॉर्ड मतदान हुआ. यह 2013 के चुनाव परिणाम से (72.18%) से 4 फीसद ज्यादा है.
सरकारों के लिए घातक साबित हुई बंपर वोटिंग

सरकारों के लिए घातक साबित हुई बंपर वोटिंग

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इतिहास गवाह है कि जब-जब राज्‍य में 4 फीसद से ज्‍यादा वोटिंग हुई, मौजूदा सरकार उखड़ गई.
सुंदरलाल पटवा ने बनाई थी सरकार

सुंदरलाल पटवा ने बनाई थी सरकार

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1990 में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में BJP मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए. तत्कालीन कांग्रेस की सरकार उखड़ गई.
1993 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने ताकत झोंक दी थी.

1993 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने ताकत झोंक दी थी.

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1990 के चुनाव के मुकाबले 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा तो BJP की पटवा सरकार पलट गई। बता दें 1990 में 54.2 फीसद वोट पड़े थे जबिक 1993 में यह 6.03 प्रतिशत बढ़कर वोटिंग 60.5 फीसद हो गई.
1998 में नहीं बढ़ी वोटिंग तो बच गई दिग्‍विजय सरकार

1998 में नहीं बढ़ी वोटिंग तो बच गई दिग्‍विजय सरकार

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1998 में वोटिंग प्रतिशत 60.2 रहा जबिक इससे पहले 1993 में 60.5 फीसद वोटिंग हुई थी. इस साल वोटिंग में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई. दिग्विजय सिंह की सरकार दोबारा बन गई।
2003 के चुनाव में BJP उमा भारती के नेतृत्व में मैदान में थी.

2003 के चुनाव में BJP उमा भारती के नेतृत्व में मैदान में थी.

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1998 में राज्‍य में कुल 60.2 फीसद वोटिंग हुई थी. इस बार मतदाताओं ने उत्‍साह दिखाया और वोटिंग प्रतिशत पहुंच गया 67.3 पर. करीब 7 फसद की वोटिंग में बढ़ोतरी ने दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया.