बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार से सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. गली-नुक्कड़ से लेकर चौक-चौराहों पर सियासत के अलग-अलग रंग देखने के मिल रहे हैं. हर ओर चुनावी सियासी शोर मचा हुआ है. राजनीतिक के बड़े-बड़े धुरंधर चुनावी दंगल में उतर चुके हैं और अपने अपने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं.
रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी के फुलपरास में चुनावी रैली को संबोधित किया.
इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के सभी लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। पहले बिहार का बहुत बुरा हाल था अपराध की बहुत सी घटनाएं घटी,विकास का दर न के बराबर था,हम लोगों ने हर चीज़ पर नियंत्रण किया. हमने शुरू से कहा है कि हम न्याय के साथ विकास के रास्ते पर चलते हैं.
वहीं वैशाली में हुई चुनावी रैली के दौरान नीतीश कुमार ने RJD पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को 15 साल काम करने का मौका मिला और बिजली की खपत क्या थी, लालटेन युग था. उस वक्त बिजली की खपत 700 मेगावाट और अब 6000 मेगावाट है. हर-घर बिजली पहुंच गई, लालटेन का ज़माना खत्म हो गया.
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बिहार में एक रैली के दौरान लालू यादव पर हमला करते हुए कहा कि बिहार का स्वाभिमानी नागरिक कभी भगवान से ये नहीं कहता है कि भगवान मुझे ऐसा मौका दे कि मैं भी चारे घोटाले में पैसा कमा लूं. वो जब लक्ष्मी का आशीर्वाद मांगता है तो सिर्फ इतना कहता है कि मां बस बाजुओं में इतना दम दे कि अपने परिवार का भरण-पोषण इज्जत से कर सकूं.
धौरिया विधानसभा क्षेत्र में तेजस्वी यादव ने चुनावी रैल कर लोगों को संबोधित किया. उनकी रैलियों को जनता का खूब समर्थन मिल रहा है.
तेजस्वी यादव ने भी बिहार सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 15 साल से बिहार की सत्ता में हैं, लेकिन पिछले 10 साल में कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि बिहार में युवाओं को रोजगार से दूर रखा गया. जो भी युवा पलायन कर अन्य राज्यों में कमाने गए थे, वे जब कोरोनाकाल में अपने राज्य लौट रहे थे, तो उन्हें देखने के बजाय मुख्यमंत्री अपने कमरे में बंद थे, लेकिन आज जब वोट लेने का समय आया तो घर से निकले हैं.