केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज 'भारत बंद' आह्वान किया है. आज किसानों के साथ राजनीतिक दलों द्वारा देशभर में सड़कों पर चक्का जाम किया जा रहा है. मालूम हो कि पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमा पर किसान डटे हैं. यहां हजारों की संख्या में किसानों ने डेरा डाल रखा है.
सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा होने से किसानों में और रोष बढ़ा है, जिसके बाद किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस आंदोलन भी राजनीति भी जमकर हो रही है. किसानों के भारत बंद को देश के तमाम विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है.
पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टियों ने कोलकाता के जादवपुर में किसानों के भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया.
कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विशाखापट्टनम में लेफ्ट पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
अमृतसर में भारत बंद के समर्थन में दुकानें बंद दिखीं। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, "दुकानें लगभग बंद हैं, इमरजेंसी सेवा बहाल है। लोग अपने मन से शटर बंद कर रहे हैं."
कृषि कानूनों के खिलाफ आज 13वें दिन भी किसान प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान यूनियनों ने आज देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का आवाह्न किया है.
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सरकार को समझ लेना चाहिए कि कानून वापस लेने ही पड़ेंगे."
झारखंड में किसानों के भारत बंद के समर्थन में रांची में लेफ्ट पार्टियों ने बाइक मार्च निकाला.
किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में बेंगलुरु में कांग्रेस ने विधान सौध में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसानों के भारत बंद के समर्थन में प्रयागराज में रेल रोकी.
किसानों के भारत बंद के समर्थन में बेंगलुरु में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.