बेटियों के लिए हिंदुस्तान सबसे 'खतरनाक'
नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है और इसी के साथ हर घर में देवी दुर्गा की पूजा होने लगी है, लेकिन एक तरह जहां हम देवियों को पूजते हैं वहीं दूसरी और हर दिन बेटियों की इज्जत को तार-तार किया जा रहा है। आज हम आपको बेटियों के लिए सबसे खतरनाक चार मेट्रो शहर के बारे में बताएंगे जहां के महिला अपराध से जुड़े आंकड़े डराते हैं।
कोलकाता में रेप के डरावने आंकड़े
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में भारत में महिलाओं के साथ अपराध के कुल 327394 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर है, यहां पर महिलाओं से जुड़े कुल ( 33218) अपराध हुए है। एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2013 के दौरान राज्य में बलात्कार के 1685 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं साल 2014 में कोलकाता में (1466) और साल 2015 में (1129) रेप के मामले दर्ज किये गए हैं। कोलकाता में साल 2013 में रेप के (75) और साल 2014 में (36) रेप के मामले दर्ज किये गए हैं।
मुंबई में रेप के आंकड़े
साल 2015 में महाराष्ट्र में महिला अपराधों की संख्या (31126) है। जिसमें कुल (4144) बलात्कार के आंकड़े दर्ज किये गए है। साल 2013 में मुंबई में रेप के (391) और साल 2014 में (607) मामले सामने आये थे।
दिल्ली बनी रेप राजधानी
दिलवालों की दिल्ली अब इंडिया कैपिटल से रेप कैपिटल बनती जा रही है। दिल्ली में साल 2013 में (1441) और साल 2014 में (1813) रेप के मामले सामने आये है। NCRB ( नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ) के आंकड़ों के मताबिक साल 2015 में दिल्ली में 17,104 मामलों के साथ महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध दर्ज किए गए है। जिसमें 2,19 9 बलात्कार के मामले सामने आए है।
बैंगलोर में नहीं सुरक्षित है महिलाएं
महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित कहलाये जाने वाला शहर बैंगलुरु भी महिला अपराध से अछूता नहीं रहा और अपराध ने धीरे-धीरे यहां भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है। बैंगलोर में साल 2013 में (80), साल 2014 में (104) और साल 2015 में ( 112) रेप केस के मामले उजागर हुए है।