अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर फैसला दे दिया है.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
हिन्दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्य श्रीराम (SriRam) का अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को विवादित पूरी 2.77 एकड़ जमीन राम लला को दे दी.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानूनी तौर पर श्रीराम को एक व्यक्ति मानते हुए अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया है.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व, विश्वास और प्रेम का है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिन्दुओं की आस्था और विश्वास (faith and belief) को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन माह में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट और योजना बनाने का आदेश दिया है.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
मुस्लिम पक्ष के लिए अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
अयोध्या केस में भगवान राम (रामलला) भी इंसान की ही तरह पक्षकार के रूप में थे. जब इस मामले में रामलला विराजमान (Ram Lala Virajman) को एक पक्षकार के रूप में शामिल करने की अर्जी दी गई तब इसका किसी ने विरोध नहीं किया था.
अयोध्या पर सुप्रीम फैसला
1 जुलाई 1989 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवकीनंदन अग्रवाल ने रामलला विराजमान को इस केस में पार्टी के तौर पर शामिल करने को कहा था. जानकारी के मुताबिक फैजाबाद की अदालत में रामलला विराजमान की तरफ से दावा पेश किया गया था. तब सिविल कोर्ट के सामने इस विवाद से जुड़े चार केस पहले से ही चल रहे थे.