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राम मंदिर के 'भूमिपूजन' से पहले की रस्में सोमवार को 'गौरी गणेश' पूजा के साथ शुरू हुईं. पूजा सुबह 8 बजे शुरू हुई, जिसमें 11 पुजारियों द्वारा मंत्रों का जाप किया गया जबकि विभिन्न अन्य मंदिरों में 'रामायण पाठ'आयोजित किए गए.
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तीन दिवसीय अनुष्ठानों का समापन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले 'भूमिपूजन' के साथ होगा, जो हिंदू धर्म में सभी प्रमुख अवसरों के लिए अनिवार्य माने जाने वाले गणेश पूजा के साथ शुरू हुआ.
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माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की पूजा भी की गई. मान्यता है कि जनकपुर में विवाह के बाद जब माता सीता अयोध्या आईं तो अपनी कुलदेवी की प्रतिमा भी साथ लाई थीं. अयोध्या और बनारस के 21 पंडित पूजा करा रहे हैं. यहां हर तरफ राम नाम की गूंज है.
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भगवान हनुमान को अयोध्या और राम भक्तों का रक्षक कहा जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बुधवार को 'भूमिपूजन' के लिए अयोध्या आएंगे, तो सबसे पहले हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे.
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अयोध्या रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है. घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है.
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सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही है. दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृष्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं.
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देश के सभी प्रमुख तीर्थस्थलों, राष्ट्रीय महत्व के स्थानों और पवित्र नदियों से पावन मिट्टी और जल, श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अयोध्या में पहुंच रहा है.
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पांच अगस्त 2020 को भूमिपूजन/शिलान्यास न केवल मंदिर का है, बल्कि एक नए युग का भी है. यह नया युग प्रभु श्रीराम के आदर्शो के अनुरूप नए भारत के निर्माण का है. यह युग मानव कल्याण का है. यह युग लोक कल्याण हेतु तपोमयी सेवा का है.
यह युग रामराज्य का है.
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पीएम मोदी पांच अगस्त 2020 को मध्याह्न् बाद 12.30 से 12.40 के बीच शुभ मुहूर्त में श्री रामलला के भव्य-दिव्य मंदिर की आधारशिला रखेंग. यह भक्तों के लिए एक श्रद्धा का क्षण होगा, जो लंबे समय से अयोध्या के अपने जन्म स्थान पर भगवान राम का एक भव्य मंदिर देखने के लिए इंतजार कर रहे थे
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बता दें कि 5 अगस्त से पहले सीएम योगी ने आज अयोध्या में चल रही तैयारियों का जायजा लिया.