Bhujangasana
1. भुजंगासन (कोबरा पोज़): यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे गर्भाशय को भी सहारा मिलता है. भुजंगासन करने के लिए, पेट के बल लेट जाएं, हाथों को कंधों के नीचे रखें और सीने को ऊपर उठाएं. कुछ देर इसी स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं.
Paschimottanasana
2. पश्चिमोत्तानासन (सीटेड फॉरवर्ड बेंड): यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है. पश्चिमोत्तानासन करने के लिए, सीधे बैठें और पैरों को आगे फैलाएं. श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और अपने पैरों को पकड़ने की कोशिश करें. कुछ देर इसी स्थिति में रहें और फिर श्वास लेते हुए धीरे-धीरे ऊपर आएं.
Baddha Konasana
3. बद्ध कोणासन (बाउंड एंगल पोज़): यह आसन कूल्हों और पं की मांसपेशियों को खींचता है और गर्भाशय के रक्त संचार को बेहतर बनाता है. बद्ध कोणासन करने के लिए, जमीन पर बैठ जाएं और पैरों के तलवों को एक साथ मिलाएं. हाथों को पैरों के आसपास रखें और कुछ देर इसी स्थिति में रहें.
Sukhasana
4. सुखासन (ईज़ी पोज़): यह आसन शांत और आरामदायक है, जो तनाव को कम करने में मदद करता है और गर्भाशय के लिए भी फायदेमंद है. सुखासन करने के लिए, जमीन पर बैठ जाएं और पैरों को आगे की ओर मोड़ें. एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर रखें और हाथों को गोद में रखें. कुछ देर इसी स्थिति में आंखें बंद करके गहरी सांस लें.
Shavasana
5. शवासन (कॉर्पस पोज़): यह आसन पूरे शरीर को आराम देता है और तनाव को कम करने में मदद करता है. शवासन करने के लिए, पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें. आंखें बंद करें और गहरी सांस लें. कुछ देर इसी स्थिति में शांत रहें.