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विश्व स्वास्थ्य संगठन की डिप्रेशन थीम
दुनिया भर में लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) डिप्रेशन पर एक साल का कैंपेन लीड कर रहा है। इस कैंपेन का उद्देश्य है कि दुनिया भर में जितने भी लोग डिप्रेशन का शिकार है उनकी मदद करना। इस साल की थीम 'डिप्रेशन: lets talk' है।
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डिप्रेशन
बढ़ता तनाव और डिप्रेशन जिंदगी खत्म करने को भी मजबूर करता है। जिंदगी से उम्मीद का गायब होना एक ऐसी राह पर ले जाती है जहां लोग अपनी जिंदगी खत्म करने जैसा फैसला कर बैठते है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
WHO के मुताबिक दुनियाभर में हर साल करीब 8 लाख लोग आत्मत्या जैसा कदम उठा कर अपनी जिंदगी खत्म कर लेते है।
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डिप्रेशन
इस हिसाब से हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति अपनी जान देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
भारत की गिनती उन देशों में की जाती है जहां खुदकुशी की दर सबसे ज्यादा है। दुनियाभर में 15 से 29 साल के लोगों के बीच आत्महत्या करते है। 78% वैश्विक आत्महत्याएं निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
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डिप्रेशन
विश्व स्तर पर कीटनाशक, फांसी और आग्नेयास्त्रों आत्महत्या के सबसे आम तरीकों में शामिल है।
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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की स्थापना साल 2003 में हुई थी। इस साल इसका थीम है 'टेक ए मिनट चेंज ए लाइफ'। हमारे आस-पास ऐसे इशारे मिलते हैं जिससे पता चलता है कि वे आत्महत्या करने जा रहे हैं।
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आत्महत्या
कई आत्महत्याएं जीवन में तनाव, रिश्ते को तोड़ने या पुराने दर्द और बीमारी से छुटकारा पाने के लिए की जाती है। इसके अलावा, संघर्ष, आपदा, हिंसा, दुर्व्यवहार, या नुकसान और अलगाव की भावना का सामना करना पड़ता है।