क्यों हो रहा है पॉपकॉर्न ब्रेन
एक रिसर्च के मुताबिक 2004 तक टीवी स्क्रीन पर किसी चीज को बदलने में लोगों को ढाई मिनट खर्च करते थे. 2012 में ये सवा मिनट हो गया है. वहीं फिलहाल के समय में हम सिर्फ 47 सैकेंड तक ही टिक पाते हैं. वहीं इस सबसे हमारा फोकस एक जगह पर नहीं टिक पा रहा है.
पॉपकॉर्न ब्रेन के लक्षण
वहीं सोशल मीडिया ने हमारी दिक्कतों को ओर बढ़ा दिया है. हर 30 सैकंड में रिल्स बदलने की आदत की वजह से हम पॉपकॉर्न ब्रेन की बीमारी का सामना कर रहे है. पॉपकॉर्न ब्रेन की वजह से लोगों के सीखने, याद करने पर गहरा असर पड़ रहा है.
पॉपकॉर्न ब्रेन को करें कंट्रोल
आप इस पॉपकॉर्न बिमारी को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की मेंटल एक्टिविटिज होती है. आप अखबार पढ़ने की आदत डाल सकते है. इसके अलावा आप मोबाइल को कम यूज करें. लोगों से मिलना जुलना शुरु करें. इसके अलावा आप मेडिटेशन शुरु करें.