मिलावटखोरी (Adulteration) के बारे में तो हमने आपको कल भी बताया था कि ये कितनी ज्यादा बढ़ती जा रही है. जिसमें हमने आपके साथ लाल मिर्च का जिक्र किया था. आज उसी मिलावटखोरी की लिस्ट में हम आपको एक और ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे रोजाना में पिया जाता है. लेकिन, उसमें बी मिलावटखोरों ने मिलावट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वो है 'दूध'. अब, आप सोच रहे होंगे कि दूध (Milk) में मिलावट कैसे हो सकती है. वो तो बिल्कुल प्योर होता है. लेकिन, जनाब अगर आपको असलियत नहीं पता है तो जरा हम बता देते हैं कि दूध भी अब प्योर नहीं रहा.
दूध को पहचानने का सबसे पहला तरीका डिटर्जेंट है. दूध के नकली होने की पहचान करने के लिए 5 से 10 मिली लीटर दूध को उतने ही पानी में मिला कर हिला लें.
वहीं दूसरे नंबर पर असली, नकली की पहचान करने का तरीका स्टार्च होता है. लोडीन का टिंर और लोडीन सॉल्यूशन में कुछ बूंदे डाल दें. अगर वह ब्लू हो जाती है. तो समझ जाए कि वह स्टार्च है.
वहीं इस लिस्ट में पानी भी शामिल है. ढलान वाले लेवल पर दूध की बस एक बूंद डालें. उसके बाद दूध की बूंद अगर धीरे-धीरे लकीर छोड़ते हुए जा रही है.
तो, समझ जाइये कि दूध में कोई मिलावट नहीं है. वहीं अगर दूध की बूंदें कोई लकीरें नहीं छोड़ती है. तो समझ जाइये कि आपके प्योर दूध में मिलावट की गई हैं.
वहीं अगर बात सिन्थेटिक दूध कि की जाए तो उसका टेस्ट बहुत कड़वा होता है. उस दूध को जब उंगलियों के बीच रगड़ा जाता है तो वो साबुन जैसा लगता है. वहीं गर्म करने पर पीला हो जाता है.
सिन्थेटिक दूध में प्रोटीन की क्वांटिटी होती है या नहीं, इसका पता दवाई की दुकानों पर मिलने वाली यूरीज स्ट्रिप से लगाया जा सकता है. इसके साथ मिले कलर्स की लिस्ट दूध में यूरिया की क्वांटिटी बताती है.
सिन्थेटिक दूध में प्रोटीन की क्वांटिटी होती है या नहीं, इसका पता दवाई की दुकानों पर मिलने वाली यूरीज स्ट्रिप से लगाया जा सकता है. इसके साथ मिले कलर्स की लिस्ट दूध में यूरिया की क्वांटिटी बताती है.
वहीं एक तरीका यूरिया भी है. बस, एक चम्मच दूध को टेस्ट ट्यूब में डालें. उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर डाल दें. और उसे अच्छी तरह से मिक्स कर लें. बस पांच मिनट बाद ही, एक लाल लिटमस पेपर डालें, आधे मिनट बाद अगर उसका कलर रेड से ब्लू हो जाए, तो दूध में यूरिया मिला होता है.