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Bengali Saree: बंगाली साड़ियों के प्रकार और उनकी खासियत

Bengali Saree: बंगाली साड़ी बंगाल क्षेत्र की प्रसिद्ध साड़ी है जो उत्तरी भारतीय राज्यों में पहनी जाती है. यह साड़ी अपने विशेष डिज़ाइन और कपड़े की गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। बंगाली साड़ी के प्रमुख विशेषताएँ शीत रंगों का प्रयोग, ज़री-काम, और स्थानीय बुनाई की खास शैली है। इसके अलावा, बंगाली साड़ी में शामिल विभिन्न पैटर्न और डिज़ाइन उसे विशेष बनाते हैं. इस साड़ी को विवाह, उत्सव, और अन्य सामाजिक अवसरों पर पहना जाता है और यह उत्तर भारतीय महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है. बंगाली साड़ियों के कई प्रकार होते हैं जिनमें विभिन्न खासियतें होती हैं। यहां कुछ प्रमुख प्रकार और उनकी खासियतों का उल्लेख है:

News Nation Bureau | Updated : 26 January 2024, 05:18:46 PM
Bengali Tant saree

Bengali Tant saree

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तांत साड़ी: यह साड़ी बंगाल के प्रसिद्ध स्थानीय बुनाई की एक विशेषता है. इसमें बांस की पुरानी बुनाई और विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है. तांत साड़ी एक प्रकार की बंगाली साड़ी है जो बंगाल क्षेत्र की विशेष बुनाई की एक प्रकार है. इसमें बांस के नारियल को बुना जाता है जिससे इसकी खास बुनाई का अनुभव होता है. यह साड़ी बंगाल की प्रमुख साड़ी में से एक है और उसकी प्रमुखता है कि इसमें विभिन्न रंगों का उपयोग होता है जो इसे अद्वितीय बनाता है. तांत साड़ी को विशेष अवसरों और समारोहों पर पहना जाता है और यह महिलाओं के बीच बहुत पसंद की जाती है.

Bengali Banarasi Saree

Bengali Banarasi Saree

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बनारसी साड़ी: बंगाल में बनारसी साड़ियों का बहुत महत्व है. ये साड़ियां सुंदर जरी-काम और विशेष रंगों के साथ आती हैं. बंगाल में बनारसी साड़ियाँ भी बहुत प्रसिद्ध हैं. ये साड़ियाँ बनारस के विशेष बुनाई की होती हैं और उनमें बांस के पार्ले और मोतियों की भरमार होती है। इन साड़ियों में आकर्षक पैटर्न और विविध रंगों का उपयोग होता है. बंगाली महिलाएँ बनारसी साड़ियाँ विशेष अवसरों और समारोहों पर पहनती हैं और इन्हें उनकी शैली और शोभा के लिए बहुत पसंद करती हैं.

Bengali Dhakai Jamdani Saree

Bengali Dhakai Jamdani Saree

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ढाकाई जामदानी साड़ी: ये साड़ियां धाका नामक स्थान से ली जाती हैं, जो बंगाल का एक प्रसिद्ध सैलान है. इनमें सुंदर पैटर्न और विविध रंगों का उपयोग किया जाता है. धाकाई साड़ी बंगाल के धाका नामक स्थान से ली जाती है. यह एक प्रसिद्ध बंगाली साड़ी है जो अपने सुंदर पैटर्न और विविध रंगों के लिए प्रसिद्ध है. धाकाई साड़ी में धाका नामक स्थान की खास बुनाई का प्रयोग होता है जो इसे बहुत आकर्षक बनाता है. इन साड़ियों में आकर्षक डिज़ाइन और प्राचीनता का अद्वितीय संगम होता है, जिससे यह बंगाली महिलाओं के लिए एक पसंदीदा वस्त्र है.

Bengali Baluchari Silk Saree

Bengali Baluchari Silk Saree

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बालूचरी साड़ी: बालुचरी साड़ी एक अन्य प्रमुख भारतीय साड़ी शैली है, जो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से जुड़ी है. यह साड़ी पश्चिम बंगाल की विशेष साड़ी शैलियों में से एक है और उत्तर भारतीय साड़ी कला का महत्वपूर्ण हिस्सा है. बालुचरी साड़ियों की पहचान उनके अनूठे डिज़ाइन और रंगीन भारी बूटीदार कार्य के माध्यम से होती है. इन साड़ियों में आमतौर पर विभिन्न प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि पात, फूल, पक्षियों की आकृति, और अन्य रूप.

Bengali Korial Saree

Bengali Korial Saree

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कोरियल साड़ी: कोरियल बंगाली साड़ी एक प्रमुख बंगाली साड़ी शैली है जो पश्चिम बंगाल राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों, विशेष रूप से बङ्गाल के बांकुरा, हुगली, और हाओरा जिलों में प्रचलित है. यह साड़ी अपने विशेष डिज़ाइन और ग्रामीण स्टाइल के लिए प्रसिद्ध है. कोरियल बंगाली साड़ियाँ अपने विशेष रूप से और विविधता में उत्कृष्टता के लिए मानी जाती हैं. ये न केवल एक स्थानीय वस्त्र हैं, बल्कि इसके डिज़ाइन और शैली का प्रतिनिधित्व भारतीय सांस्कृतिक विरासत के रूप में भी किया जाता है.

Bengali Santipuri Saree

Bengali Santipuri Saree

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सांतिपुरी साड़ी: सांतिपुरी साड़ी, भारतीय साड़ी कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और पश्चिम बंगाल के सांतिपुरी नामक स्थान से उत्पन्न हुई है. ये साड़ियाँ पश्चिमी बंगाल के संस्कृति, शैली और पारंपरिक वस्त्र निर्माण की प्रतिष्ठित शैलियों में से एक हैं. सांतिपुरी साड़ियों की पहचान उनके विशिष्ट रंग, डिज़ाइन और बुनाई स्टाइल से होती है. इन साड़ियों में रेशम, सूती और कोटन धागा का उपयोग होता है.