प्राणायाम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस मनाने का मकसद योग से दीर्घ आयु प्रदान करना है। योग भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। योगासन को कसरत या व्यायाम कहना गलत है। योग न सिर्फ मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि यह तनाव और अन्य शारीरिक समस्याओं को भी दूर करता है। लगातार नियमित रूप से योग और प्राणायाम अभ्यास करने से सेहत में सुधार लाने में मदद करता है। प्राण का अर्थ, ऊर्जा अथवा जीवनी शक्ति है और आयाम का तात्पर्य ऊर्जा को नियंत्रित करना।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम करने से पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का संचार होता है। शरीर तेजस्वी एवं फुर्तीला बनता है और भूख भी लगती है। प्राणायाम करने से मन को शांति मिलती है।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति बिमारियों को किसी न किसी तरह से रोकता है। इसे नियमित रूप से करने पर वजन घटता है और त्वचा में चमक और निखार बढ़ाता है । यह बालों के लिए भी बहुत अच्छा है। कब्ज की शिकायत को दूर करने के लिए बहुत लाभप्रद योगाभ्यास है।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम ह्रदय रोग के लिए फायदेमंद है। यह मन की चंचलता दूर करता है और मन को शांत रखता है। यह उच्च रक्त चाप पर नियंत्रण भी करता है। यह प्राणायाम व्यक्ति को चिंता, क्रोध व उत्तेजना से मुक्त करता है। हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए यह प्राणायाम बहुत लाभदायक है।
शीतली प्राणायाम
शीतली प्राणायाम का संबंध शीतलता से है और यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। यह आंखों के रोग ठीक करता है और चर्म रोग में बहुत ही लाभदायक होता है।
दीर्घा प्राणायाम
यह योग मानसिक शांति और चेतना के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शरीर में ऑक्सिजन के लेवल को बढ़ाता है तथा दूषित पदार्थों को बाहर निकालता है। यह प्राणायाम मनुष्य की आयु बढ़ाने वाला प्राणायाम है।
उज्जायी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम को अंग्रेजी में विक्टोरियस ब्रेथ कहा जाता हैं। उज्जयी प्राणायाम करते समय समंदर की आवाज के समान ध्वनि आती हैं इसलिए इसे Ocean Breath भी कहा जाता है। यह प्राणायाम उच्च रक्तचाप और दिल से संबंधित बीमारियो के लिये लाभदायक है। उज्जयी प्राणायाम से शरीर का दर्द, अनिद्रा और माइग्रेन जैसी बीमारियां ठीक होती है।