Covaxin, COVID-19 के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी टीका था और अब हमारे पास दूसरा स्वदेशी जैब है जो जल्द ही सात भारतीय राज्यों में उपलब्ध होने वाला है.
जो चीज ZyCoV-D वैक्सीन को विशिष्ट बनाती है, वह यह है कि यह एक नीडल- फ्री जैब है, जिसे अगस्त में Drugs Controller General of India से प्राधिकार मिला था.
अभी वैक्सीन केवल 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को दी जाएगी जब तक कि यह अपनी उत्पादन क्षमता को मजबूत नहीं कर लेता है.
ZyCoV-D एक सुई रहित टीका होने वाला है, जिसे पारंपरिक सीरिंज के बजाय एक सुई-मुक्त एप्लीकेटर का उपयोग करके इंजेक्ट किया जाएगा.
ZyCoV-D तीन खुराक वाला टीका है, जिसकी दूसरी और तीसरी खुराक पहली के 28 और 56 दिन बाद लेनी रहती है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, केंद्र को टीके की सिंगल खुराक 376 रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें जेट एप्लीकेटर और जीएसटी की लागत भी शामिल है.
जिसका मतलब 3-डोज़ जैब की कीमत 1,128 रुपये पड़ेगी. यह दुनिया में कहीं भी व्यावसायिक रूप से पेश किए जाने वाले प्लास्मिड डीएनए (plasmid DNA) प्लेटफॉर्म पर विकसित पहला COVID-19 वैक्सीन है.
यह समझने के लिए कि डीएनए-प्लास्मिड वैक्सीन क्या है, हमें यह समझने की जरूरत है कि अधिकांश टीके संक्रामक एजेंट के कमजोर या मारे गए रूप का उपयोग करके बनाए जाते हैं.
प्लास्मिड डीएनए मामले में, एंटीजन के लिए जीन युक्त डीएनए का एक टुकड़ा शरीर में इंजेक्शन लगाने के लिए उपयोग किया जाता है. यह शरीर के जिम्मेदार सेल्स को यह समझाने में मदद करता है कि एंटीजन के खिलाफ कैसे प्रतिक्रिया दी जाए.
यह पहला टीका था जिसका परीक्षण किशोर आबादी (12-18 वर्ष) में भी किया गया था. वैक्सीन को संयुक्त रूप से Department of Biotechnology के साथ साझेदारी कर के विकसित किया गया है.
ये वैक्सीन तीन महीने के लिए कमरे के तापमान में स्थिर रह सकता है. एमआरएनए टीकों के विपरीत जिसमें अल्ट्रा-कोल्ड स्टोरेज सिस्टम की आवश्यकता होती है.