देव दिवाली
देव दिवाली का त्योहार कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन यानी दिवाली से ठीक 15 दिन बाद मनाया जाता है।
जगमगाते घाट
देव दिवाली पर श्रद्धालु काशी के संत रविदास घाट से लेकर राजघाट तक लाखों दिए जलाते हैं साथ ही माता गंगा की पूजा की जाती है।
भगवान शिव
मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी देव धरती पर आकर गंगा मैया की पूजा करते हैं इसलिए इसे देव दिवाली भी कहा जाता है। वहीं इसके लिए एक अन्य कथा हैं जिसके अनुसार स्वयं भगवान शिव ने देवताओं का संकट दूर करने के लिए त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था।
गंगा स्नान
देव दिवाली के लिए गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार गंगा में इस दिन दीपदान करने से लंबी आयु और घर में सुख-शांति का वरदान मिलता है।
विशेष पूजन
देव दिवाली के मौके पर विशेष पूजन और उपायों से व्यक्ति तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होता है और जीवन में खुशहाली आती है।