जायफल तेल का टेस्ट बहुत मीठा होता है. इसका इस्तेमाल पकवानों में कम से कम किया जाता है. इस तेल का इस्तेमाल (Nutmeg Oil Benefits) ज्यादातर दवाओं और कॉस्मेटिक चीजों के लिए किया जाता है. आयुर्वेद में इसकी काफी इम्पोर्टेंस है.
इसमें कई सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं. जिसमें फाइबर, थियामिन, विटामिन B 6, फोलेट, कॉपर, मैक्लिग्रान और मैग्नीशियम शामिल है. ये न सिर्फ खाने का टेस्ट बल्कि खुशबू भी बढ़ाता है.
जायफल एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स से भरपूर होता है. जिसे मोनोटेरेप्स कहा जाता है. इसके साथ ही इसमें साबिनिन, टेरपिनोल और पिनीन शामिल है. ये आपकी बॉडी में पुरानी सूजन वाली हेल्थ कंडीशन जैसे कि हार्ट डिजीजिज, जडायबिटीज और गठिया से राहत दिलाने में कारगार है.
ऐसा सिर्फ हम नहीं बल्कि एक स्टडी में भी सामने आया जिसमें सूजन वाले चूहों को इंजेक्शन लगाया गया. उनमें से कुछ को जायफल का तेल लगाया गया. तेल लगाने वाले चूहों ने सूजन और सूजन से जुड़े दर्द को कम एक्सपीरिएंस किया.
जायफल तेल में एंटीबैक्टीरियल क्वालिटीज होती हैं. इसका इस्तेमाल कई टूथपेस्ट में भी किया जाता है. ये मुंह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद कर सकता है.
इससे मसूड़ों की सूजन और दांतों में होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है. क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक क्वालिटीज पाई जाती हैं. इसका इस्तेमाल आप पानी में कुछ बूंदें डालकार कुल्ला करके कर सकते हैं. इससे कुछ ही दिनों में असर साफ दिखने लगेगा.
जायफल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल क्वालिटीज मौजूद होती हैं. ये स्किन के कील-मुंहासों और दाग-धब्बों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. जायफल के तेल का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी के लिए भी किया जा सकता है.
ये स्ट्रेस और एंग्जाइटी की प्रॉब्लम को दूर करने में भी मदद कर सकता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए बस कॉटन पर ये तेल लगाएं और इफेक्टिव एरिया पर लगा लें.
जायफल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी क्वालिटीज होती हैं. ये मस्लस में होने वाले खिंचाव से जुड़े दर्द में राहत देने का काम करते हैं.
इसके साथ ही ये जॉइंट्स की सूजन को आराम देने में भी बेहतर काम कर सकता है. जायफल के तेल की कुछ बूंदें इफेक्टिव पार्ट पर लगाकर दर्द कम किया जा सकता है.