शबाना आजमी
शबाना आजमी की पहचान हिंदी सिनेमा जगत में एक मंझी हुई अदाकारा के रूप में है। शबाना पर्दे पर जिस किरदार में आती है खुद को ढ़ाल लेती है। उन्होंने हिंदी फिल्मों में तरह-तरह के रोल अदा किये हैं। शबाना आजमी एक अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान तो रखती ही हैं साथ में एक और अलग पहचान है उनकी। वह सामाजिक कार्यों में हमेशा जुडी रहती हैं। उन्होंने वक्त-वक्त पर समाज में मौजूद बुराईयों की तीखी आलोचना की है। आइए जानते हैं पर्दे के आगे असल जिंदगी में इस अदाकारा के बेबाक अंदाज के बारे में
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया मुस्लिम महिलाओं की जीत
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर 3:2 के बहुमत से फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि मुस्लिम समुदाय की तीन तलाक की परंपरा असंवैधानिक, एकतरफा और इस्लाम का हिस्सा नहीं है। शबाना ने ट्वीट करते हुए इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने लिखा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक पर दिए गए फैसले का स्वागत करती हूं. यह उन बहादुर मुस्लिम महिलाओं की जीत है, जिन्होंने कई सालों तक इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी है।'
गौरी लंकेश की हत्या पर दी प्रतिक्रिया
शबाना आजमी ने कहा गौरी लंकेश की उनके आवास के बाहर हत्या कर दी गई। हैरान कर देने वाली घटना है। दाभोलकर, पंसारे और कलबुर्गी के हत्यारों को जरूर सजा मिलनी चाहिए।
राजनीति के लिए मुसलमानों को एक चश्मे से ना देखने की हिदायत दी
शबाना आजमी ने 'तुच्छ राजनीतिक फायदों' के लिए सभी मुसलमानों को एक चश्मे से देखने वालो को आगाह करते हुए कहा कि इससे किसी व्यक्ति की पहचान के विकास में संस्कृति की जटिल परतों को नकाराने की स्थिति पैदा होगी। ब्रिटिश संसद परिसर में आयोजित एक समारोह में शबाना ने कहा, 'मुझे किसी एक नजरिए से मत देखिए, अपनी इच्छा के मुताबिक मुझे सीमित करने का प्रयास मत करिए। तुच्छ राजनीतिक फायदों के लिए माहौल का ध्रुवीकरण मत करिए और लोगों को 'आदर्श समुदाय' बनाने के लिए विवश मत करिए। आदर्श समुदाय जो महिला, दलित, आदिवासी अथवा किसी अन्य नाम से हो सकता है जिसका इस्तेमाल मुझे 'अलहदा' महसूस कराने के लिए किया जा सकता है।'
दिल्ली गैंगरेप में इंसाफ की मांग को लेकर सड़को पर उतरी
जंतर-मंतर पर अभिनेत्री शबाना आजमी ने फैज अहमद की नज्म गाकर गैंगरेप पीड़ित लड़की को श्रद्धांजलि दी तो वहीं भोपाल में फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी ने कैंपेन की अगुआई की और महिलाओं से अपील की कि वो अपनी ताकत पहचानें। उन्होंने कहा दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद उठी आवाज को एक नई राह मिल गई है। सड़कों पर उतरी महिलाओं की भीड़ हर किसी को ये पैगाम देना चाहती है कि लोग उन्हें कमजोर समझने की भूल कतई ना करें।