बॉलीवुड में शुरू से ही विधवाओं को लेकर फिल्में बनती रहती हैं. आशा पारेख से लेकर रानी मुखर्जी तक विधवा महिला का रोल प्ले कर चुकी हैं. मदर इंडिया हो या प्रेम रोग, बाबुल हो या पगलैट. ये वो फिल्में हैं जिनमें विधवा को लीड रोल में दिखाया गया. इन फिल्मों में 'विधवा' महिलाओं के दर्द और टूटे हुए जीवन को दिखाने की कोशिश की गई है, और दर्शकों ने भी इन फिल्मों का काफी पसंद किया.
'कटी पतंग' में माधवी ने एक विधवा का किरदार निभाया है. फिल्म में एक विधवा की जिंदगी के उतार-चढ़ाव को दिखाया गया.
फिल्म 'प्रेम रोग' में पद्मिनी कोल्हापुरी विधवा बनी हुई हैं. ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी.
फिल्म शोले में जया भादुड़ी विधवा होती हैं, जिनसे अमिताभ बच्चन प्यार करने लगते हैं. लेकिन अंत में अमिताभ की भी मौत हो जाती है.
1997 में रिलीज हुई मृत्युदंड में शानदार रोल प्ले करके माधुरी दीक्षित ने हर किसी को हैरान कर दिया था.
फिल्म में रानी मुखर्जी के पति के निधन के बाद उसके ससुर अपनी पसंद के लड़के से उसकी दोबारा शादी करवाना चाहते हैं.
फिल्म में लीजा रे , सीमा विश्वास, सरला करियावासम लीड रोल में हैं. फिल्म में विधवा आश्रम की जिंदगी को दिखाया गया है.
नीना गुप्ता ने विधवा औरत का किरदार निभाया है. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह एक विधवा सारे सुखों को त्याग देती है.
फिल्म में सान्या मल्होत्रा ने विधवा संध्या का किरदार निभाया है. संध्या की शादी के कुछ दिन बाद ही वो विधवा हो जाती है.