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Miss Universe 2018: फिलीपींस ने जीता ताज, 18 साल पहले लारा दत्ता के सिर सजा था खिताब

भारत की नेहल चुदासमा मिस यूनीवर्स 2018 (Miss Universe 2018) प्रतियोगिता में शीर्ष 20 तक भी नहीं पहुंच पाईं, जबकि फिलीपींस (Philippines) की कैटरिओना ग्रे (Catriona Gray) 93 प्रतियोगियों को पछाड़कर विश्व सुंदरी बन गईं।

News Nation Bureau | Updated : 17 December 2018, 01:54:28 PM
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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भारत की नेहल चुदासमा मिस यूनीवर्स 2018 (Miss Universe 2018) प्रतियोगिता में शीर्ष 20 तक भी नहीं पहुंच पाईं, जबकि फिलीपींस (Philippines) की कैटरिओना ग्रे (Catriona Gray) 93 प्रतियोगियों को पछाड़कर विश्व सुंदरी बन गईं।
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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भारत को 22 वर्षीय नेहल से काफी उम्मीदें थी कि वह यह ताज जीतकर देश के लिए लंबे समय से चले आ रहे सूखे को समाप्त करेंगी। इससे पहले लारा दत्ता ने साल 2000 में देश को यह गौरव प्राप्त कराया था।
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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दक्षिण अफ्रीका की टैमरिन ग्रीन फर्स्ट रनर-अप रहीं, जो एक मेडिकल छात्रा हैं और वेनेजुएला की पेशे से वकील शेफनी गुटेरेज दूसरी रनर अप रहीं।
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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वहीं, स्पेन की एंजेला पोंस ने पहली महिला ट्रांसजेंडर के तौर पर मिस यूनीवर्स प्रतियोगिता में भाग लेकर इतिहास रच दिया।
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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प्रतियोगिता के अंतिम दौर में ग्रे से जीवन में सीखे सबसे महत्वपूर्ण पाठ और वह इसे मिस यूनीवर्स बनने के बाद कैसे इस्तेमाल करेंगी इस बारे में पूछा गया था।
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने मनीला की झुग्गी-बस्तियों के लिए बहुत काम किया है और वहां जिंदगी बेहद गमगीन है। मैंने हमेशा खुद को उनकी खूबसूरती देखना सिखाया, बच्चों के चेहरों की खूबसूरती देखना सिखाया और मैं मिस यूनीवर्स के रूप में इस पहलू का इस्तेमाल करते हुए ऐसी परिरिस्थितियों को देखूंगी जहां मैं अपना योगदान दे सकूं।'
कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

कैटरिओना ग्रे (फोटो: इंस्टाग्राम)

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उन्होंने कहा, 'और मैं लोगों को आभारी होना भी सिखा पाई तो हमारे पास ऐसी अद्भुत दुनिया होगी जहां नकारात्मकता नहीं पनपेगी और बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट होगी।'