पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके है. ऐसे में अब सभी राजनीतिक पार्टियों और बंगाल की जनता को 2 मई का इंतजार हैं. इस दिन फैसला होगा कि बंगाल की सत्ता पर किसका राज होगा. ऐसे में हम पश्चिम बंगाल की राजनीति के बड़े चेहरे, उम्मीदवार की बात करेंगे.
ममता बनर्जी महज 15 साल की उम्र में ही राजनीति में प्रवेश कर गई थीं. जोगामाया देवी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने छात्र संगठन की स्थापना की और जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की और कई छोटे-बड़े पदों पर कार्यरत रहीं. ममता बनर्जी ने साल 1984 में बंगाल की जाधवपुर लोकसभा सीट पर सोमनाथ चटर्जी को हराकर देश की सबसे युवा सांसद बनीं. इसी साल उन्हें यूथ कांग्रेस का जनरल सेक्रेट्री भी नियुक्त किया गया. लोकसभा चुनाव 1989 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने 1991, 1996, 1998, 2004, 2009 में जीत हासिल की.
पश्चिम बंगाल में एक बड़ी राजनीतिक पहचान रखने वाले मुकुल रॉय ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इस दौरान वे ममता बनर्जी के काफी नजदीक आए, क्योंकि वे भी उस समय यूथ कांग्रेस का हिस्सा हुआ करती थीं. ममता बनर्जी ने जब कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस पार्टी का गठन किया, उस वक्त मुकुल रॉय भी पार्टी के प्रमुख संस्थापक सदस्यों में से एक थे. टीएमसी ने मुकुल रॉय को साल 2006 में राज्यसभा का सदस्य चुना. इसके बाद वे साल साल 2012 में लगातार दूसरी बार राज्यसभा के सांसद बने. मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें जहाजरानी मंत्री और फिर उसके बाद रेल मंत्री बनाया गया.
कांग्रेस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले शुभेंदु अधिकारी सबसे पहले 1995 में काउंसिलर चुने गए. एक राजनेता के रूप में उन्हें साल 2007 में बड़ी पहचान मिली. इस साल उन्होंने पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. लोकसभा चुनाव 2009 और 2014 में उन्होंने तमलुक सीट से चुनाव जीता और संसद पहुंचे. साल 2016 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्होंने नंदीग्राम सीट से दर्ज की. जिसके बाद ममता बनर्जी ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री नियुक्त किया. शुभेंदु अधिकारी ने पिछले साल ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
लॉकेट चटर्जी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. हालांकि, पार्टी के साथ कुछ अनबन के बाद उन्होंने टीएमसी छोड़ दी और साल 2015 मे बीजेपी जॉइन कर लीं. साल 2017 में बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की बीजेपी महिला विंग की अध्यक्ष बना दिया. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लिए चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज करते हुए संसद का सफर तय किया. हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की महत्ता देखते हुए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया है.
तनुश्री चक्रवर्ती का राजनीतिक जीवन अभी शुरू ही हुआ है. उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 को देखते हुए इसी साल मार्च की शुरुआत में बीजेपी का दामन थामा. बीजेपी में शामिल होते ही उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका भी मिल गया. बीजेपी ने उन्हें हावड़ा जिले के श्यामपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर तनुश्री का सीधा मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की कलीपाड़ा मंडल से होगा. बता दें कि इस सीट पर कलीपाड़ा मंडल साल 2001 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. ऐसे में तनुश्री के राजनीतिक करियर का पहला चुनाव ही काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.
बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा चुनाव 2014 से ठीक पहले राजनीति में कदम रखा और बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी में शामिल होते ही उन्हें बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से टिकट दे दी. बाबुल ने बीजेपी को बिल्कुल भी निराश नहीं किया और टीएमसी का दबदबा होने के बावजूद अपनी सीट पर बीजेपी को जीत दिला दी. बाबुल की इस जीत से खुश होकर उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बना दिया गया. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बाबुल को कई मंत्रालय की जिम्मेदारी दी. उन्होंने अपने मोदी सरकार के कैबिनेट में रहते हुए शहरी विकास मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय का कामकाज देखा. बंगाल में चुनावी माहौल को देखते हुए बीजेपी ने बाबुल को अब विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतार दिया है.
अशोक डिंडा का जन्म 25 मार्च 1984 को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के मोयना में हुआ था. उनका पूरा नाम अशोक भीमचंद्र डिंडा है. बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले अशोक डिंडा ने भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. हालांकि, उन्हें बहुत ज्यादा मौके नहीं दिए गए. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 13 वनडे और 9 टी20 मैच खेले और क्रमशः 12 और 17 विकेट चटकाए. इसके अलावा उन्होंने आईपीएल में 78 मैच खेले और 69 विकेट अपने नाम किए. आईपीएल में वे कई टीमों के लिए खेलते हुए दिखाई दिए. आईपीएल में वे कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली कैपिटल्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और राइसिंग पुणे सुपरजाएंट्स के लिए भी खेले. उन्होंने इसी साल 2 फरवरी को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया.