तमिलनाडु चुनाव 2021
मतदान के सभी चरण पूरे होने के बाद के सर्वेक्षण से संकेत मिल रहे हैं कि तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने के साथ सत्ता में वापसी होगी. टाइम्स नाउ/एबीपी न्यूज/सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार, डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन को 234 सदस्यों वाली तमिलनाडु विधानसभा की 160 से 172 सीटें मिलने का अनुमान है.
पन्नीरसेल्वम (Photo-News Nation)
पन्नीरसेल्वम ने साल 1969 में 18 वर्ष की आयु में तत्कालीन संयुक्त डीएमके के कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. 2006 में वे विपक्ष के नेता बनें. साल 2014 में जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दूसरी बार दोषी ठहराए जाने के बाद फिर से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. 2015 में जयललिता को रिहा होने के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बन गए थे. साल 2016 में पन्निरसेल्वम को बोधिनयाक्कनुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित किया गया था. बाद में जयललिता के निधन के बाद उन्हें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया. 21 अगस्त 2017 में उन्होंने और एडीएमके को पकड़ने वाली टीम के बाद, वह तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री बने. वे 3 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन चुके हैं.
एमके स्टालिन (Photo- News Nation)
मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन (MK Stalin) यानी एमके स्टालिन ने राजनीति में आने से पहले फिल्मों में काम किया है. 1980 के दशक के दौरान उन्होंने कुछ तमिल फिल्मों में काम किया है. 1990 के दशक में उन्होंने सन टीवी के टेलीविजन धारावाहिकों में भी अभिनय किया है. स्टालिन ने चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के नंदनम आर्ट्स कॉलेज से इतिहास में अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की है. करुणानिधि की सरकार में वे ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन मंत्री भी रह चुके हैं. स्टालिन का जन्म मद्रास में हुआ था, जिसे अब चेन्नई के रूप में जाना जाता है. फिल्मों के साथ साथ वे डीएमके के लिए प्रचार किया करते थे. फिर वे फिल्मों को अलविदा कहकर राजनीति में ही सक्रिय हो गए. उन्होंने पार्टी के यूथ विंग को मजबूत करने का काम किया.
उधयनिधि स्टालिन (Photo- News Nation)
उधयनिधि स्टालिन को राजनीति विरासत में मिली. वो तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एम करुणानिधि (M Karunanidhi) के पोते और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे हैं. उधयनिधि 4 जुलाई 2019 को डीएमके यूथ विंग के सचिव बने और यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया. उन्होंने ने चेपॉक से चुनाव लड़ने के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया था. उदयनिधि ने अपना चुनाव अभियान नवंबर 2020 से ही शुरू कर दिया था. सियासी रणनीतिकारों का मानना है कि उदयनिधि स्टालिन को राजनीति में लाने का यह सबसे खराब समय है. उनका मानना है कि उदयनिधि को लाने से विपक्ष को वंशवाद की राजनीति पर एक जोरदार अभियान का मौका मिल जाएगा.
पलानीस्वामी (Photo- News Nation)
पलानीस्वामी का जन्म 2 मार्च, 1954 को तमिलनाडु के सलेम जिले में हुआ था. छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले पलानीस्वामी 1974 में AIADMK से जुड़े. यहां से सियासत में उनका कद तेजी से बढ़ा और कम समय में ही उन्होंने तमिलनाडु के कद्दावर नेताओं में अपनी जगह बना ली. वो दिवंगत जयललिता और शशिकला दोनों के ही सबसे भरोसेमंद विधायकों में से रहे हैं. पलानीस्वामी जयललिता और पन्नीरसेल्वम सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनके पास राजमार्ग, लोक निर्माण और लघु बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व था. बतौर पथ निर्माण मंत्री पलानीस्वामी के कामकाज की तारीफ होती है.
एल मुरुगन (Photo-News Nation)
एल मुरुगन (L Murugan) तमिलनाडु में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष (Tamil Nadu BJP President) हैं. राजनेता के अलावा वे पेशे से एक वकील हैं. वकालत का उनके पास 15 साल का अनुभव है. वो National Commission for Scheduled Castes के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. उनका जन्म 29 मई 1977 को इस दक्षिणी राज्य के नमक्कल जिले के पारामती में हुआ था. मद्रास विश्वविद्यालय से कानून में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की है. वे अभी भी मद्रास उच्च न्यायलय में वकालत कर रहे हैं. 11 मार्च 2020 को उन्हें तमिलनाडु प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष्य बनाया गया. इस से पूर्व वे राष्ट्रीय पिछडा आयोग के उपाध्यक्ष पद पर भी कार्य कर चुके हैं.
खुशबू सुंदर (Photo- News Nation)
साल 2010 में खुशबू सुंदर की राजनीति में एंट्री हुई. उन्होंने डीएमके का दामन थामा था. तब तमिलनाडु में पार्टी सत्ता में थी. उस समय उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि मैंने सही निर्णय लिया है. मुझे लोगों की सेवा करना बहुत पसंद है. मैं महिलाओं की भलाई के लिए काम करना चाहती हूं.' हालांकि 4 साल बाद जब उन्होंने डीएमके छोड़ी तो कहा था, 'द्रमुक के लिए कड़ी मेहनत एक तरफा रास्ते की तरह था.'
DMK छोड़ने के बाद साल 2014 में उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात करके कांग्रेस ज्वाइन कर लिया. कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद उन्होंने कहा था कि 'आखिरकार मैं अपने घर आ गई हूं. कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भारत के लोगों के लिए अच्छा और देश को एकजुट कर सकती है.' तमिलनाडु चुनावों से पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. उन्होंने कहा कि वो पीएम मोदी के कार्यों से प्रभावित होकर बीजेपी में आई हैं.
कमल हासन (Photo-News Nation)
अभिनेता से नेता बनें कमल हासन (Kamal Haasan) सात नवंबर 1954 को कमल हासन का जन्म तमिलनाडु (Tamil Nadu) के रामानाथपुरम में हुआ था. कमल हासन ने बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों के अलावा हिंदी फिल्मों में भी काम किया. और बॉलीवुड में भी काफी चर्चा में रहे. फिल्मों में भले ही उन्हें काफी शांत और शर्मिला दिखाया गया हो, लेकिन अपनी निजी जिंदगी में वे काफी विवादों में रहे. उन्होंने अपने 66 साल के जीवन में दो बार शादी की और 11 साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहे.