पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव से मुलाकात की, आगामी आम बजट के लिए सुझाव दिए

पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव से मुलाकात की, आगामी आम बजट के लिए सुझाव दिए

पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव से मुलाकात की, आगामी आम बजट के लिए सुझाव दिए

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IANS
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पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव से मुलाकात की, आगामी आम बजट के लिए सुझाव दिए

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। आगामी बजट तैयार करने के लिए सरकार लगातार इंडस्ट्री के साथ बैठके कर रही है और इन बैठकों में केंद्र सरकार का फोकस व्यापार में आसानी बढ़ाने और टैक्स के फायदों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने पर है।

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इस क्रम में बुधवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अधिकारियों ने राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव से मुलाकात की।

बैठक के बाद पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव डॉ.रणजीत मेहता ने कहा कि बैठक में अप्रत्यक्ष कर और प्रत्यक्ष कर को लेकर बातचीत हुई है। हमने इसमें व्यापार पर आसानी को लेकर भी चर्चा की, जिस पर सरकार का फोकस है।

उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री बॉडी की ओर से मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम (एमएसएमई) इंडस्ट्री की लिक्विडिटी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार को सुझाव दिए गए हैं और कुल मिलाकर सुझावों को लेकर सरकार का एप्रोच काफी सकारात्मक है और यह इंडस्ट्री के लिए काफी अच्छा है।

पीएचडीसीसीआई के पूर्व प्रेसिडेंट साकेत डालमिया ने कहा कि नए कानून आ रहे हैं उनमें अंतिम मील तक लागू करने में काफी समस्या आ रही है, जिसे सरकार की ओर से सुना गया और काफी सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है।

पीएचडीसीसीआई की इनडायरेक्ट टैक्स कमेटी चेयरमैन अशोक बत्रा ने कहा कि यह बैठक काफी सकारात्मक रही है और इंडस्ट्री की इनपुट टैक्स क्रेडिट जैसी समस्याओं को सरकार ने काफी ध्यान से सुना है। हमने सरकार को काफी सुझाव दिए हैं।

पीएचडीसीसीआई की टैक्स कमेटी के चेयरमैन मुकुल बागला ने कहा कि हमने टैक्स को लेकर सरकार से बातचीत की है। पिछले बजट में पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती के बावजूद भी इस साल टैक्स कलेक्शन में अब तक 6.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस कारण से हमने सुझाव दिया है कि टैक्स कटौती को आगे बढ़ाया जाए और 30 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत, 50 लाख तक की आय पर 30 प्रतिशत और उसके बाद 50 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जाए, जिससे सैलरी क्लास को अर्थव्यवस्था में वृद्धि का फायदा मिले।

--आईएएनएस

एबीएस/

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