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Voluntary Provident Fund (VPF) में निवेश का क्या है तरीका? समझें पूरा गणित

एंप्लाई प्रोविडेंट फंड (EPF) अकाउंट के तहत कर्मचारी स्वेच्छा से योगदान करते हैं, वह पैसा Voluntary Provident Fund (VPF) में जाता है. यह EPF में किए जाने वाले 12 फीसदी योगदान से अलग है.

Updated on: 13 May 2019, 05:25 PM

highlights

  • EPF अकाउंट के तहत कर्मचारी स्वेच्छा से योगदान करते हैं, वह VPF में जाता है
  • VPF में किया जाने वाला योगदान EPF में किए जाने वाले 12 फीसदी योगदान से अलग है
  • VPF के तहत योगदान की सीमा तय है, VPF में योगदान करने के लिए कंपनी बाध्य नहीं

नई दिल्ली:

अगर कोई कर्मचारी अपनी स्वेच्छा से वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड (VPF) में योगदान करता है तो उसके लिए टैक्स की बचत का रास्ता भी खुलता है. वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड की क्या खासियत है. इस खबर में हम VPF के बारे में समझने की कोशिश करेंगे.

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एंप्लाई प्रोविडेंट फंड (EPF) अकाउंट के तहत कर्मचारी स्वेच्छा से योगदान करते हैं, वह पैसा Voluntary Provident Fund (VPF) में जाता है. यह EPF में किए जाने वाले 12
फीसदी योगदान से अलग है. इसका मतलब यह है कि इसमें EPF का 12 फीसदी योगदान शामिल नहीं है.

VPF के तहत योगदान की सीमा तय
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के तहत योगदान की सीमा तय है. यह बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (महंगाई भत्ते) का 100 फीसदी तक हो सकता है. वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जितना ब्याज देता है. इसकी ब्याज दरों में सालाना बदलाव किया जाता है. EPF में कर्मचारी और संस्थान दोनों योगदान करते हैं. EPF के उलट VPF में योगदान करने के लिए कंपनी बाध्य नहीं है. कर्मचारी खुद ही इसमें अपनी इच्छा के अनुसार योगदान करते हैं.

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सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट
VPF के योगदान पर भी सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि VPF के साथ निकासी को लेकर कुछ बंदिश है. इसके तहत पूरी रकम केवल रिटायरमेंट पर ही निकाली जा सकती है. VPF में पैसा लगाते समय आपको इस बात का पूरा ख्याल रखने की सलाह है.