logo-image

Medicinal Plants Farming: सरकारी नौकरी छोड़कर इस बिजनेस में आजमाया हाथ, दुनिया के लिए खड़ी कर दी मिसाल

Medicinal Plants Farming: 2015 में एक एकड़ में कौंच की खेती से शुरुआत करने वाले अविनाश कुमार किसान साथियों के साथ मिलकर 25 एकड़ में कौंच की खेती कर रहे हैं.

Updated on: 28 Apr 2019, 01:38 PM

नई दिल्ली:

Medicinal Plants Farming: उत्तर प्रदेश के पादरी बाजार, गोरखपुर के रहने वाले अविनाश कुमार किसानों के साथ-साथ युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. अविनाश ने उत्तर प्रदेश पुलिस में 6 साल तक सिपाही की नौकरी करने की है. हालांकि सरकारी नौकरी में उनका मन नहीं लगा. वो हमेशा कुछ नया करना चाहते थे. उसी को देखते हुए उन्होंने खेती में नई संभावनाएं तलाशनी शुरू की.

यह भी पढ़ें: Success Story: लोगों को ऑर्गेनिक सब्जियां खिलाकर लाखों कमा रही है ये जोड़ी

औषधीय खेती से कमा रहे हैं लाखों रुपये - Earning Millions from medicinal farming
उनका मानना था कि पारंपरिक खेती में लागत ज्यादा है और मुनाफा कम. इसलिए उन्होंने पारंपरिक खेती में हाथ नहीं आजमाया. उसके बाद उन्होंने औषधीय पौधों (medicinal plants) को संरक्षित करने के उद्देश्य से जड़ी-बूटियों की खेती शुरू की. वर्ष 2015 में एक एकड़ में कौंच की खेती से शुरुआत करने वाले अविनाश किसान साथियों के साथ मिलकर 25 एकड़ में कौंच की खेती कर रहे हैं. चार साल के अथक प्रयास से उन्होंने न सिर्फ मुनाफा कमाया है, बल्कि साथी किसानों को भी खेती में मुनाफा कमाना सिखाया है. आज वे अन्य किसानों के साथ मिलकर जलभराव वाले स्थानों पर ब्राह्मी, मंडूकपर्णी और वच (medicinal plants in hindi) की खेती भी कर रहे हैं, जिससे यह किसान सालाना 2 से 3 लाख रुपये कमा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: एलोवेरा (aloe vera) के बिजनेस से कमाएं लाखों रुपये, जानें पूरा प्रोसेस

7 राज्यों के किसानों के साथ मिलकर कर रहे हैं खेती
उत्तर प्रदेश (गोरखपुर, महराजगंज, हमीरपुर और रायबरेली), बिहार (पश्चिम चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और मधुबनी), झारखंड, उतराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कुल सात राज्यों के 2,000 से अधिक किसानों के साथ जुड़कर विभिन्न जलवायु वाली फसलों की खेती के अलावा ब्राह्मी, मंडूकपर्णी, वच, तुलसी, कालमेघ, कौंच, भूई आंवला, कूठ, कुटकी और कपूर कचरी जैसी औषधीय महत्त्व की फसलों की खेती कर रहे हैं.

अविनास के दिशानिर्देश में आज 50 एकड़ में तुलसी की खेती की जा रही है जिससे 400 क्विंटल तुलसी का उत्पादन हो रहा है. इसी तरह 50 एकड़ में कौंच की फसल ली जा रही है, जिससे 150 क्विंटल तक उत्पादन हो रहा है. कुल 800 एकड़ कृषि भूमि पर जड़ी बूटियां उगाई जा रही हैं.

यह भी पढ़ें: बटन मशरूम (Button Mushroom) की खेती करके कमा सकते हैं लाखों रुपये, ये है तरीका