'पेरिमेनोपॉज' पर गुल पनाग ने शेयर किए अपने अनुभव, बताया क्या है उनके लिए एडवेंचर का मतलब

'पेरिमेनोपॉज' पर गुल पनाग ने शेयर किए अपने अनुभव, बताया क्या है उनके लिए एडवेंचर का मतलब

'पेरिमेनोपॉज' पर गुल पनाग ने शेयर किए अपने अनुभव, बताया क्या है उनके लिए एडवेंचर का मतलब

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IANS
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Gul panag on perimenopause

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री गुल पनाग अक्सर एडवेंचर भरे पोस्ट सोशल मीडिया पर करती रहती हैं। लेटेस्ट पोस्ट में उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी में एडवेंचर के मायने क्या हैं। साथ ही उन्होंने पेरिमेनोपॉज का जिक्र करते हुए जीवन को एक एडवेंचर के रूप में अपनाने की बात कही।

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अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर अपनी कई तस्वीरें पोस्ट करने के साथ ही विस्तार के साथ अपने विचार रखे। उन्होंने बताया, मैं अपने एडवेंचर के शौक के लिए जानी जाती हूं और अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि एडवेंचर मेरे लिए क्या मायने रखता है। तो मैं बता दूं कि एडवेंचर लापरवाही नहीं, बल्कि सभी संभावित परिणामों को ध्यान में रखकर सोच-समझकर जोखिम लेना है। यह अनजाने रोमांच का अनुभव है, जो व्यक्ति को कम्फर्ट जोन से बाहर निकालता है और एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जहां कुछ भी हो सकता है।

इस साल गुल को एडवेंचर के मामले में बड़ी सफलता मिली। उन्होंने बताया, मैंने इस साल महसूस किया कि कितनी भी प्लानिंग कर लो, योजनाएं गड़बड़ हो ही जाती हैं। अब मैं हर दिन को एडवेंचर की तरह स्वीकार करने लगी हूं। व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता से प्लान बनाता है और बाकी सब छोड़ देता है, क्योंकि वह उसके हाथ में नहीं होता। मैं इसे भी अपने अन्य एडवेंचर्स की तरह देखती हूं।

पायलट होने के नाते वह उदाहरण देती हैं कि उड़ान भरते समय प्लान बनाते हैं, वैकल्पिक रास्ते रखते हैं और इमरजेंसी के लिए तैयार रहते हैं। अच्छे मौसम की उम्मीद करते हैं लेकिन सबसे बुरे के लिए भी तैयारी करते हैं। उन्होंने बताया, यही सिद्धांत मैं रोजमर्रा की जिंदगी में लागू करने की कोशिश कर रही हूं। जैसे चीजें प्लान के मुताबिक होंगी या नहीं, बच्चे अच्छे व्यवहार करेंगे या नहीं, या कपड़े फिट होंगे या नहीं।

पेरिमेनोपॉज महिलाओं में मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) से पहले का समय है, जो आमतौर पर 40 की उम्र के आसपास शुरू होता है। यह प्राकृतिक प्रक्रिया है और मेनोपॉज तब होता है जब 12 महीने तक पीरियड्स न आए। प्री-मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज का जिक्र करते हुए उन्होंने खासतौर पर कपड़ों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया, पेरिमेनोपॉज की वजह से शरीर में बदलाव आ रहे हैं, जो मेरे लिए एक नया एडवेंचर है। एक दिन मैं अपनी पुरानी जींस में आराम से फिट हो जाती हूं, जिसके लिए उन्होंने सालों मेहनत की, लेकिन अगले ही दिन जिप नहीं चढ़ पाती। वजन मापने वाली मशीन 48 घंटों में 5 किलो तक का अंतर दिखा देती है। ड्रेस पहनते समय डर लगता है कि जिप हो पाएगी या नहीं। अगर होती है तो खुशी मिलती है, नहीं तो मूड खराब हो जाता है।

अब गुल ने फैसला किया है कि शरीर और कपड़ों को भी एडवेंचर की नजर से देखेंगी। उनके पास दो तरह के कपड़े हैं- लूज फिट या कम्फर्ट फिट (जो कुछ दिनों में टाइट हो जाते हैं) और नॉर्मल फिटेड। जो फिट होता है, वही पहनती हैं।

--आईएएनएस

एमटी/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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