पटना : केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने विपक्ष पर साधा निशाना, रोहिंग्या वोटरों को लेकर लगाए गंभीर आरोप

पटना : केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने विपक्ष पर साधा निशाना, रोहिंग्या वोटरों को लेकर लगाए गंभीर आरोप

पटना : केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने विपक्ष पर साधा निशाना, रोहिंग्या वोटरों को लेकर लगाए गंभीर आरोप

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IANS
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Union Minister Satish Chandra Dubey

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 9 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने बिहार में विपक्षी नेताओं, खासकर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में आरोप लगाया कि विपक्ष बिहार में बंद का आह्वान कर रहा है, क्योंकि चुनाव आयोग अवैध विदेशी वोटरों, खासकर रोहिंग्या जैसे प्रवासियों के नाम वोटर लिस्ट से हटा रहा है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने देश के वोटरों पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए वे विदेशी वोटरों पर निर्भर हैं। विपक्ष, खासकर एनडीए गठबंधन के विरोधी, उन राज्यों में चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं जहां वे हार जाते हैं, लेकिन जीतने पर कोई सवाल नहीं उठाते।

उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते रोहिंग्या जैसे अवैध प्रवासियों को देश के विभिन्न हिस्सों में बसाया गया है, जो विपक्ष का वोट बैंक हैं। चुनाव आयोग के नए मतदाता सत्यापन नियमों के तहत, जिनके माता-पिता का नाम पहले से वोटर लिस्ट में नहीं है, उनके नाम हटाए जा रहे हैं। इससे विपक्ष की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि उनके कथित विदेशी वोटर प्रभावित हो रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने के लिए बिहार बंद जैसे कदम उठा रहे हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनके जरिए रोहिंग्या जैसे प्रवासी बिहार और देश के अन्य हिस्सों में पहुंच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब जंगलराज नहीं, बल्कि विकासराज चाहती है। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के विरोध के बावजूद पटना में बाजार बंद नहीं होगा और जनजीवन सामान्य रहेगा। बिहार में प्रशासन अपराध पर नियंत्रण कर रहा है।

गोपाल खेमका के हत्याकांड में संलिप्त आरोपी के एनकाउंटर का जिक्र करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी अमन-चैन भंग करने की कोशिश करेगा, वह कानून के शिकंजे से नहीं बच पाएगा। चाहे उसे जेल जाना पड़े या सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़े। पहले अपहरण जैसी घटनाएं आम थीं, लेकिन अब प्रशासन ने स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित किया है।

--आईएएनएस

एसएचके/जीकेटी

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