पटना, 13 जुलाई (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने पटना में गांधी मैदान से कृष्णा घाट वाली फ्लाईओवर पर हजारों वेरिफिकेशन फॉर्म मिलने की घटना को गलत बताया है। एक तथाकथित वीडियो में सड़क किनारे अनगिनत पेपर दिखे थे। विपक्ष ने इस पर चुनाव आयोग को घेरा था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस तरह की किसी भी घटना से इनकार किया है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, एक पोस्ट के माध्यम से यह सूचना प्राप्त हुई थी कि गांधी मैदान से कृष्णा घाट फ्लाईओवर की ओर जाने वाली सड़क पर गणना प्रपत्र बिखरे हुए पाए गए हैं। इस संबंध में उप निर्वाचन पदाधिकारी, पटना की ओर से तत्काल स्थल पर सत्यापन (स्पॉट वेरिफिकेशन) किया गया, जिसमें ऐसी कोई घटना संज्ञान में नहीं आई।
पोस्ट में आगे लिखा गया, वहां से कोई गणना प्रपत्र भी बरामद नहीं हुआ। उप निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से स्थानीय स्तर पर अन्य व्यक्तियों से भी पूछताछ की गई, लेकिन किसी ने भी ऐसी किसी घटना की जानकारी होने की पुष्टि नहीं की और सभी ने मामले के प्रति अनभिज्ञता प्रकट की।
पटना जिला प्रशासन ने भी एक नया वीडियो जारी किया, जिसमें सड़क पर कहीं भी गणना प्रपत्र नहीं मिला।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पटना जिला प्रशासन ने लिखा, ऐसा प्रतीत होता है कि यह वीडियो पुराना है। सभी पदाधिकारीगण की ओर से एक-एक फॉर्म को सुव्यवस्थित ढंग से संभालकर रखा जा रहा है। वीडियो में प्रदर्शित मामले की जांच की जा रही है। जांच से संबंधित वीडियो नीचे संलग्न है। जांच का यह वीडियो 12 जुलाई दोपहर 2.50 बजे का है, जिसमें कोई भी फॉर्म सड़क पर गिरा हुआ नहीं पाया गया है। मामले की विस्तृत जांच टीम कर रही है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान यह तथाकथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। वीडियो में सड़क पर तमाम कागज पड़े हुए थे। विपक्षी दलों ने दावा किया था कि यह कागज गणना प्रपत्र वाले फॉर्म हैं। रविवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यह वीडियो चलाया था और चुनाव आयोग पर निशाना साधा था। फिलहाल, चुनाव आयोग ने स्थिति साफ कर दी है।
--आईएएनएस
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