कोलकाता, 12 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में लॉ स्टूडेंट से बलात्कार का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि कोलकाता के जोका में प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान-कलकत्ता (आईआईएम-सी) के छात्रावास में एक और कथित बलात्कार का मामला सामने आया। इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश में लगातार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल को हवा दे दिया।
मामले में सरकारी पक्ष के वकील सौरिन घोषाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, दोषी को गिरफ्तार किए जाने के बाद शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया था। आरोपी के वकील ने कोर्ट से बेल मांगी थी; उसका कहना था कि दोनों के बीच सहमति थी। वहीं हम लोग पुलिस कस्टडी की मांग कर रहे थे। मेडिकल रिपोर्ट पीड़ित के बयान से मिल रही थी। दोषी के मोबाइल फोन का पासवर्ड लेना है। जिस जगह पर यह घटना घटी, उसकी जांच करनी है। पीड़िता को कुछ खिलाया गया था, जिसके बाद पीड़िता अचेत हो गई थी। उस खाद्य पदार्थ की जांच करनी है। सारी चीजों को ध्यान में रखकर कोर्ट ने आरोपी को 19 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा।
पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने जोका मामले पर कहा, दिल्ली से कलकत्ता आने के बाद मुझे इस घटना की जानकारी मिली। एफआईआर में रेप जैसा कुछ नहीं है। संस्था भी इस घटना को स्वीकार नहीं कर रही है। ऐसा सुनने में मिल रहा है कि लड़के का मानसिक संतुलन सही नहीं था और उसे काउंसलिंग की जरूरत थी। पीड़िता के पिता भी इसे रेप नहीं बोल रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी इसे रेप बता रही है। ऐसे में जब संस्था और परिवार इसे रेप नहीं बोल रहे हैं, तो इसे कैसे रेप माना जाए? आईआईएम देश की एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है और उस पर कोई काला धब्बा लगे, ऐसा कोई नहीं चाहता है। कुछ लोग इसे आरजीकर और लॉ की छात्रा वाली घटना से जोड़ रहे हैं, लेकिन यह बिल्कुल अलग है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने कहा, आईआईएम कॉलेज केंद्र सरकार का है, न कि राज्य सरकार का। जिस लड़के के खिलाफ आरोप लगाया गया है, वह कर्नाटक से आया है। सुनने में आ रहा है कि फेसबुक के जरिए दोनों में परिचय हुआ था। तीन-चार दिनों के अंदर ही दोनों मिले। जो भी घटना हुई है, उससे टीएमसी का कुछ भी संबंध नहीं है। सभी राजनीतिक पार्टियों को जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए। इस घटना का प्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर से कोई संबंध नहीं है। लड़की के पिता रेप नहीं मान रहे, लेकिन अगर लड़की बोल भी रही है, तो लड़का कर्नाटक का है, और कॉलेज केंद्र सरकार के अधीन है। इसकी जांच होगी। इस पर प्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाना गलत है।
--आईएएनएस
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