पाकिस्तान: इमरान खान का छलका दर्द, बोले 'हमारी बात ही नहीं सुनी गई'

पाकिस्तान: इमरान खान का छलका दर्द, बोले 'हमारी बात ही नहीं सुनी गई'

पाकिस्तान: इमरान खान का छलका दर्द, बोले 'हमारी बात ही नहीं सुनी गई'

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IANS
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Imran Khan

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के आंतरिक हालात ठीक नहीं हैं। बड़ी तादाद में इमरान खान के समर्थक हुक्मरानों के खिलाफ सड़क पर उतर सकते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कोर्ट से सजा का ऐलान किए जाने के बाद आदियाला जेल में बंद पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान ने आवाम से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की गुजारिश की इसके साथ ही उनकी दलील न सुने जाने का आरोप भी लगाया।

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इमरान खान की बहन अलीमा खान ने मीडिया से बात करते हुए फैसले की आलोचना की और आरोप लगाया कि फैसले पहले से लिखी स्क्रिप्ट के तहत दिए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इन मामलों के पीछे जो लोग हैं, वे समझदार लोग नहीं हैं और उन्हें उनकी स्क्रिप्ट समझ नहीं आ रही है।

पीटीआई नेता उमर अयूब ने भी फैसले की निंदा की। एक्स पोस्ट में, उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को दी गई सज़ा एक कंगारू कोर्ट की सजा है। अब पाकिस्तान में कानून का राज नहीं रह गया है।

तोशाखाना-II मामले में एक कोर्ट द्वारा 17 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया और साथ ही इस्लामाबाद हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती देने के अपने इरादे की भी घोषणा की।

पीटीआई प्रमुख को जेल में अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्सेस करने की इजाजत नहीं है, इसलिए उनके साथ हुई वकील की बातचीत का ब्योरा एक्स पोस्ट पर साझा किया गया है। उन्होंने कहा, मैंने सोहेल अफरीदी (खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री) को सड़क पर आंदोलन की तैयारी करने के लिए संदेश भेजा है। पूरे देश को अपने अधिकारों के लिए उठना होगा।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जो फैसला सुनाया गया उससे उन्हें हैरत नहीं हुई। उन्होंने कहा, पिछले तीन सालों के आधारहीन फैसलों और सजा की तरह, तोशाखाना-II का फैसला भी मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। यह फैसला जज ने बिना किसी सबूत के और कानूनी जरूरतों को पूरा किए बिना जल्दबाजी में दिया, और जोड़ा कि उनकी कानूनी टीम की बात भी नहीं सुनी गई।

पीटीआई प्रमुख ने कहा कि कानून की सर्वोच्चता और संविधान की बहाली के लिए इंसाफ लॉयर्स फोरम और कानूनी समुदाय का आगे आना जरूरी था। उन्होंने कहा कि न्याय के बिना आर्थिक विकास संभव नहीं है।

वहीं, उनकी पार्टी पीटीआई ने एक बयान में सजा को खुले तौर पर असंवैधानिक, अवैध, दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक बदले का सबसे बुरा रूप और उत्पीड़न का एक क्लासिक मामला बताया।

आरोप लगाया कि यह सजा सिर्फ इमरान खान की जेल की अवधि बढ़ाने और डरे हुए सत्ताधारी गुट को अस्थायी राहत देने की कोशिश थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कानून का राज खत्म हो गया है, और एक आज्ञाकारी न्यायपालिका के जरिए व्यवस्थित रूप से राजनीतिक बदला लिया जा रहा है।

प्रमुख मीडिया आउटलेट डॉन के मुताबिक, पीटीआई के वरिष्ठ नेता असद कैसर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पार्टी महासचिव सलमान अकरम राजा ने कहा कि पीटीआई संस्थापक ने कोर्टरूम में अपने मुख्य वकील, बैरिस्टर सलमान सफदर से मुलाकात की और देश को एक संदेश दिया। उन्होंने अपनी स्थिति बिल्कुल साफ करते हुए कहा, मैं मजबूती से खड़ा हूं और दृढ़ हूं और चाहे कुछ भी हो जाए, मैं किसी से माफी नहीं मांगूंगा।

असद कैसर ने कहा कि मौजूदा हालात में विरोध के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि यह विरोध शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक सिद्धांतों पर आधारित होगा। पीटीआई अपने संस्थापक के लिए न्याय चाहती है और जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक अपना संघर्ष जारी रखेगी।

--आईएएनएस

केआर/

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