पाकिस्तान: एक पुराने मामले में इमरान खान की बहन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

पाकिस्तान: एक पुराने मामले में इमरान खान की बहन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

पाकिस्तान: एक पुराने मामले में इमरान खान की बहन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

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IANS
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Imran khan Sister slapped bailable warrant

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

रावलपिंडी, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पीटीआई संस्थापक इमरान खान की बहन अलीमा खान को दो साल पुराने डी- चौक मामले में एंटी टेररिज्म कोर्ट ने अवमानना नोटिस के साथ जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया है। स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी है।

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द एक्प्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, रावलपिंडी आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) के जज अमजद अली शाह ने 80,000 का जुर्माना न भरने पर अवमानना नोटिस जारी किया। गुरुवार को कोर्ट में देर से पेश होने पर अलीमा खान के खिलाफ जमानती अरेस्ट वारंट भी जारी किया।

कोर्ट ने उनके बेल बॉन्ड से 20 लाख रुपए जब्त करने की अभियोजक की प्रार्थना स्वीकार कर ली और रकम वसूली के लिए उनके गारंटर को नोटिस भेजा गया।

एटीसी में जिस केस की सुनवाई हो रही है, वह 26 नवंबर 2023 के डी-चौक विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है। उन पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, सरकार विरोधी नारे लगाने, तोड़-फोड़ और पत्थरबाजी का आरोप लगाया गया है।

हालांकि अलीमा और उनके वकील तय समय पर पेश नहीं हुए, लेकिन सुनवाई स्थगित होने के बाद वे अपनी लीगल टीम के साथ हाजिर हुए। कोर्ट ने कहा कि उन्हें दो बार बुलाया गया था, लेकिन आरोपी पक्ष की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ।

अलीमा ने बोलने की इजाजत मांगी और कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध के बारे में मीडिया को पहले ही बयान दे दिया है और गवाहों की जरूरत पर सवाल उठाया।

दरअसल, डी-चौक प्रदर्शन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र है, जो रेड जोन (हाई-सिक्योरिटी इलाके) में स्थित है। यहां प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट जैसे प्रमुख सरकारी भवन हैं। यहीं पीटीआई समर्थकों ने नवंबर 2023 में सत्ता के खिलाफ बिगुल फूंका था।

13 नवंबर, 2023 को इमरान ने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए फाइनल कॉल (आखिरी आह्वान) किया, जिसमें पीटीआई के चुनावी जनादेश को बहाल करने, जेल में बंद पार्टी सदस्यों को रिहा करने और 26वें संशोधन को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि इसने एक तानाशाही सत्ता को ताकत दी है।

यह विरोध प्रदर्शन इस्लामाबाद के डी-चौक में हुआ, जहां समर्थक खान के आह्वान पर पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतों से आए थे।

सरकार ने बातचीत की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया, और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद पीटीआई नेतृत्व को मौके से भागना पड़ा। 26 नवंबर को ऑपरेशन के साथ ही विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया।

उनके गारंटर को भी एक नोटिस भेजा गया, जिसमें उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया गया, और कोर्ट ने अलीमा खान के जमानत बांड भी रद्द कर दिए।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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