पाकिस्तान: आसिम मुनीर ने अपने देश में फले-फूले टीटीपी को बताया अफगानी आतंकियों का समूह

पाकिस्तान: आसिम मुनीर ने अपने देश में फले-फूले टीटीपी को बताया अफगानी आतंकियों का समूह

पाकिस्तान: आसिम मुनीर ने अपने देश में फले-फूले टीटीपी को बताया अफगानी आतंकियों का समूह

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IANS
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Pakistan's massive military purge may still be a job half done

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (सीडीएफ) और आर्मी स्टाफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कहा है कि पाकिस्तान में घुसपैठ करने वाले प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के समूह में ज्यादातर अफगानी शामिल होते हैं।

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डॉन के मुताबिक उन्होंने यह बयान नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस में 10 दिसंबर 2025 को दिया था, जिसके क्लिप्स रविवार को टेलीविजन पर प्रसारित किए गए।

फील्ड मार्शल मुनीर ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा, टीटीपी के वे फॉर्मेशन जो पाकिस्तान में घुसपैठ कर रहे हैं, उनमें 70 प्रतिशत अफगानी हैं। उन्होंने सवाल उठाया, क्या अफगानिस्तान हमारे पाकिस्तानी बच्चों का खून नहीं बहा रहा? उन्होंने अफगान तालिबान को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें पाकिस्तान और टीटीपी के बीच चुनाव करना होगा।

एबीसी न्यूज के अनुसार, यह बयान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में आया है। इस्लामाबाद ने बार-बार काबुल से अपील की है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान विरोधी आतंकवादियों द्वारा हमलों के लिए न होने दे। हालांकि, काबुल इन आरोपों से इनकार करता रहा है। मुनीर ने टीटीपी को फितना अल-ख्वारिज बताया और कहा कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद टीटीपी अधिक सक्रिय और बोल्ड हो गया है।

ये टीटीपी वही है जिसे कभी पालने-पोसने का काम पाकिस्तान ने बखूबी निभाया था। इस्लामाबाद ने 1990 के दशक से तालिबान को अपना इकबाल बुलंद करने के इरादे से औजार की तरह इस्तेमाल किया। भारत से बदला लेने के चक्कर में अफगानिस्तान को स्ट्रैटजिक डेप्थ बनाने की कोशिश की। एक तरफ उसने आतंकवाद की निंदा की, दूसरी तरफ चरमपंथी समूहों को फलने-फूलने में पूरी मदद पेश की।

अब इस्लामाबाद दावा करता रहता है कि टीटीपी, अफगानिस्तान से संचालित होकर पाकिस्तान में इस्लामिक कानून लागू करने और तालिबान जैसी शासन व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, तालिबान सरकार इन आरोपों को खारिज करती है। लेकिन यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि टीटीपी के लड़ाके अफगानिस्तान में रहते हैं, वहां उनकी ट्रेनिंग होती है, और उनके हाथों में वो हथियार आ गए हैं, जो साल 2021 में अमेरिका छोड़कर गए थे।

--आईएएनएस

केआर/

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