पहलगाम, पुंछ का दौरा करने वाले राहुल गांधी एकमात्र राष्ट्रीय नेता : पवन खेड़ा

पहलगाम, पुंछ का दौरा करने वाले राहुल गांधी एकमात्र राष्ट्रीय नेता : पवन खेड़ा

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IANS
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पहलगाम, पुंछ का दौरा करने वाले राहुल गांधी एकमात्र राष्ट्रीय नेता : पवन खेड़ा

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के दौरे और पाकिस्तान की ओर से हाल ही में सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए सराहना की।

पवन खेड़ा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, जब पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था, तब राहुल गांधी एकमात्र राष्ट्रीय नेता थे जो वहां गए। उन्होंने अस्पतालों का दौरा किया, विभिन्न नागरिक समाज समूहों से मुलाकात की और प्रभावित नागरिकों का हालचाल जाना। अब फिर से पुंछ में, जहां गोलाबारी के कारण निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी, राहुल गांधी ने एकजुटता व्यक्त करने और उनका दर्द समझने के लिए उनसे मुलाकात की।

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी बढ़ गई थी। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के प्रतिशोध में किया गया था, जिसमें आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।

खेड़ा ने जोर दिया कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कार्यों से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, चाहे मणिपुर हो, पुंछ हो या पहलगाम - जहां भी नागरिक संकट का सामना करते हैं, राजनीतिक नेतृत्व को सहायता प्रदान करने और उनके घावों को भरने में मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बर्लिन में परमाणु ब्लैकमेल के आगे न झुकने की हालिया टिप्पणी पर पवन खेड़ा ने कहा, अगर हम प्रमुख वैश्विक शक्तियों को यह स्वीकार करने के लिए राजी नहीं कर पाते हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देना जारी रखता है, तो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जयशंकर जो कहते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। वह यहां सख्त बात करते हैं, लेकिन अमेरिका और चीन के सामने चुप रहते हैं। वह कहते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था बड़ी है, इसलिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते - फिर अगर आप उनका सामना करने से डरते हैं, तो पद पर क्यों बने रहें?

--आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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