देहरादून, 9 जून (आईएएनएस)। 84 वर्षीय पद्मश्री पुरस्कार विजेता और प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी ऐरन ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए और केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, पहले पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान सिर्फ वीवीआईपी को मिलते थे, लेकिन अब ग्रामीण स्तर पर काम करने वाले लोग, जिन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत से असंभव को संभव बनाया, उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे पद्मश्री मिलेगा। जब यह खबर मिली, तो मुझे यकीन नहीं हुआ। यह सब पीएम मोदी की अनोखी सोच और ग्रासरूट स्तर पर काम करने की वजह से हुआ।
डॉ. ऐरन ने बताया, पीएम मोदी की सोच और अप्रोच बिल्कुल अलग है। वह सिर्फ वीवीआईपी के साथ नहीं आम जनता के भी साथ हैं। वीवीआईपी को और ऊंचा उठाने से कोई फायदा नहीं, लेकिन छोटे स्तर पर शानदार काम करने वाले को सम्मान देना बड़ा बदलाव लाता है। इस सम्मान ने उन्हें और बेहतर काम करने की प्रेरणा दी है। पद्मश्री मिलने के बाद मुझे नया जोश मिला। अगर मोदी जी 10-20 साल और प्रधानमंत्री रहें, तो हमारा देश बहुत आगे जाएगा।
अपने करियर के बारे में बात करते हुए डॉ. ऐरन ने कहा कि जब उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी शुरू की, तब वे पढ़ाई में होनहार नहीं थे, लेकिन एक अच्छे आर्टिस्ट जरूर थे। प्लास्टिक सर्जरी एक कला है, और इसीलिए मैं इसमें सफल हुआ।
उन्होंने बताया कि पहले लोग प्लास्टिक सर्जरी को नहीं समझते थे और पूछते थे, इसमें प्लास्टिक कहां है? लेकिन अब जागरूकता बढ़ी है। लोग जानते हैं कि हाथ की चोट या अन्य समस्याओं के लिए कहां जाना है। इसका श्रेय सरकार की योजनाओं, खासकर आयुष्मान भारत को जाता है।
उन्होंने कहा, पहले लोग पोलियो के टीके से डरते थे, लेकिन कोरोना काल में लोगों ने खुलकर टीके लगवाए। यह जागरूकता का सबूत है।
डॉ. ऐरन ने अपनी 84 साल की जिंदगी में देश के बदलाव को करीब से देखा है। पहले लोगों के पास पहनने को कपड़े नहीं थे, लाखों लोगों के लिए एक डॉक्टर होता था। लेकिन आज ढेर सारे डॉक्टर हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं।
उन्होंने कहा कि जब वे देहरादून आए, तब दिल्ली तक कोई प्लास्टिक सर्जन नहीं था, लेकिन अब कई सर्जन हैं। यह मोदी जी की करामात है कि हर जगह डॉक्टर उपलब्ध हैं।
आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, मेरा परिवार अमेरिका में रहता है, लेकिन वहां भी ऐसी योजना नहीं है। आयुष्मान से गरीब से गरीब व्यक्ति सुरक्षित महसूस करता है। पहले गरीब बड़े डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाते थे, लेकिन अब वे बेहतर इलाज करवा पा रहे हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में किसी को दिक्कत न हो।
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