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AIADMK के दोनो गुट पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम हो सकते हैं एक, अब शशिकला का क्या होगा?

दिनाकरन के जाने से तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद दो टुकड़ों में बंटी उनकी पार्टी AIADMK फिर एक हो सकती है।

Updated on: 10 Aug 2017, 07:07 PM

नई दिल्ली:

एआईएडीएमके गुट ने गुरुवार को टी.टी.वी. दिनाकरन की उप महासचिव के पद पर नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया है। चेन्नई में एआईएडीएमके के मुख्यालय में मुख्यमंत्री के. पलानीसामी की अध्यक्षता में एक घंटे चली बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा हुई।

हालांकि भ्रष्टाचार के मामले में इस समय जेल में बंद पार्टी महासचिव वी. के. शशिकला द्वारा उप महासचिव नियुक्त किए गए दिनाकरन और उनके समर्थकों ने इस फैसले को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

माना जा रहा है कि दिनाकरन के जाने से तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद दो टुकड़ों में बंटी उनकी पार्टी AIADMK फिर एक हो सकती है।

एआईएडीएमके की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें दिनाकरन की उप महासचिव पद पर नियुक्ति को 'अनुपयुक्त, अस्वीकार्य एवं अवैध' करार दिया गया है।

एआईएडीएमके की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि खुद शशिकला की नियुक्ति निर्वाचन आयोग की जांच के घेरे में है। पन्नीरसेल्वम गुट ने आयोग में शशिकला के नेतृत्व को चुनौती दी थी।

अब ऐसे में एक सवाल ये भी उठता है कि अगर दोनो धड़ा एक हो गया तो फिर महासचिव वी.के. शशिकला के राजनीतिक भविष्य का क्या होगा।  

एआईएडीएमके ने दिनाकरन को उप महासचिव पद से हटाया

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी के नेतृत्व वाले धड़े को जेल में बंद महासचिव वी.के. शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से हटा देना चाहिए। इसके बाद ही दोनों धड़ों में विलय की राह खुलेगी।

गौरतलब है कि विघटन के बाद निर्वाचन आयोग ने पार्टी के 'दो पत्तियों' वाले लोकप्रिय चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया। फिर से यह चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए दोनों धड़ों का एक होना जरूरी है।

चुनाव चिह्न के अलावा पार्टी नेताओं ने यह भी स्वीकार किया है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में उन्हें विपक्षी डीएमके की कड़ी चुनौती झेलनी होगी।

एआईएडीएमके ने बैठक में दिनाकरन द्वारा की गई नियुक्तियों और लिए गए फैसलों को भी अमान्य करार दिया।

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इससे पहले निर्वाचन आयोग ने भी दिनाकरन द्वारा पार्टी उप महासचिव के तौर पर भेजी गई चिट्ठी को खारिज कर दिया था।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम गुरुवार को ही दिल्ली पहुंचेंगे, जहां वे उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में दोनों नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।

सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों धड़ों को एक करने और इसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल करने में लगी हुई है।

अगर एआईएडीएमके के दोनों धड़े एक होते हैं तो पलानीसामी मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जबकि पन्नीरसेल्वम को शशिकला की जगह पार्टी महासचिव बनाया जा सकता है। पन्नीरसेल्वम गुट दोनों धड़ों के विलय के लिए शशिकला और उनके नजदीकियों को पार्टी से हटाने की मांग उठाता रहा है।

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इस बीच, दिनाकरन और उनके सहयोगियों को पार्टी मुख्यालय पर नियंत्रण लेने से रोकने के लिए मुख्यालय के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

एआईएडीएमके की बैठक में शामिल रहे दिनाकरन के करीबी पार्टी विधायक वेट्रिवेल ने दिनाकरन को उप महासचिव पद से हटाए जाने के फैसले को चुनौती दी है।

उन्होंने कहा है, 'शशिकला और दिनाकरन को पार्टी से नहीं निकाला जा सकता। दोनों नेताओं को उनके पदों से कोई भी नहीं हटा सकता।'

पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम दोनों गुरुवार देर शाम तक दिल्ली जाएंगे। दिसंबर 2016 में जयललिता का निधन होने के बाद अन्नाद्रमुक अलग-अलग गुटों में बंट चुकी है। 

एक गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं, जिन्होंने शशिकला के नेतृत्व का विरोध किया था। अन्य दो गुटों का नेतृत्व मौजूदा मुख्यमंत्री पलानीसामी और शशिकला के हाथों में है। 

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