गणित से क्यों डरता भारत का विद्यार्थी, विशेषज्ञों की राय 

आम लोगों में राय है कि गणित को समझना असंभव जैसा है, देश में गणित के प्रति नई पीढ़ी का रुझान बहुत अधिक नहीं है।.

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
mathmatics1

गणित से क्यों डरता भारत का विद्यार्थी( Photo Credit : file photo)

एक तरह से रस्मी तौर पर बीती 22 दिसंबर को देश ने हर साल की तरह राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया. यह हर साल इसी तरह से एक रूटीन की तरह मनाया जाता है. सिर्फ इस एक दिन को छोड़ दें, तो हमारे यहां गणित जैसे अहम और जरूरी विषय को लेकर सारे समाज में एक तरह से सदा आतंक का माहौल ही बना रहता है. एक राय सी बन गई है कि गणित को आसानी से समझना असंभव सा है. देश में गणित के प्रति नई पीढ़ी का रुझान बहुत अधिक नहीं है. दुर्भाग्यवश जो इंजीनियरिंग या आईटी सेक्टर में जाने की चाहत में मजबूरी वश गणित पढ़ भी रहे हैं, उनमें से ज्यादातर की गणित को लेकर समझ सीमित ही होती है. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला तो यही कि गणित दूसरे विषयों से हटकर एक निश्चित रीति और सूत्रों पर आधारित विषय है. फिर देश की लचर शिक्षा व्यवस्था और अर्धशिक्षित अध्यापकों के कारण गणित विषय से नौजवान दूर ही होते रहे हैं. यानी हमारे यहां गणित को पढ़ने- पढ़ाने का माहौल सही से कभी नहीं बना. 

Advertisment

गणित को ले कई मिथ्या धारणनाएं 

गणित और छात्रों का कोई संबंध ही नही बन पाता. कोचिंग संस्थानों में भी बच्चों को सवाल हल करने के जो तरीके बताए जाते हैं वे समस्या को गहराई से समझने और  उसे हल करने के नए तरीके खोजने के लिए प्रेरित नहीं करते. यह बहुत चिंताजनक स्थिति है. समझ नहीं आता कि महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के भारत में गणित जैसे रोचक विषय को लेकर इतनी मिथ्या धारणा किस लिए बन गई है कि यह जटिल विषय है. उनके जन्म दिन को ही राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह जरूरी है कि रामानुजन जी के जीवन से प्रेरित होकर ही सही हमारे यहां गणित पढ़ने का माहौल बने.

देखिए आजकल सर्वाधिक नौकरियां सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी सेक्टर में ही हैं. इस क्षेत्र में सफल होने के लिए इंसान का गणित का बेहतर विद्यार्थी होना बहुत जरूरी है. आईटी में काम करना गणित के बगैर संभव ही नहीं है. हमें अपने स्कूलों-कॉलेजों में बहुत ही होनहार गणित के अध्यापकों को नियुक्त करना होगा जिन्हें गणित से प्रेम हो और वे गणित अपने स्टुडेंट्स को बड़े प्रेम से पढ़ाएं-सिखाएं. गणित को आप इतिहास या राजनीतिक शास्त्र की तरह से नहीं पढ़ा सकते. 

गणित के अध्यापकों के ऊपर यह बड़ी जिम्मेदारी है कि वे अपने अध्यापक धर्म का निर्वाह करते हुए धैर्य से पढ़ाएं. गणित को रोचक बनायें, तब तक किसी चैप्टर को समझाएं जब तक वह विद्यार्थियों को समझ नहीं आ जाता. उन्हें खुद भी अपने को लगातार बेहतर करते रहना होगा. उन्हें गणित को रोचक तरीके से पढ़ाने के उपाय लगातार खोजने होंगे. हमें गणित के नए-पुराने अध्यापकों को मानना होगा कि कोई तो वजह है, जिसके कारण हमारे विद्यार्थी गणित से कांपते हैं. यह विषय हमें डराता है. सबसे खास विषय को लेकर हमारे मन में किसी तरह का प्रेम और उत्साह का भाव पैदा नहीं होता. 

शिक्षकों को कुछ तो जिम्मेदारी लेनी ही होगी

बुरा मत मानिए, पर इस स्थिति के लिए हमारे शिक्षकों को कुछ तो जिम्मेदारी लेनी ही होगी. मुझे कई लोग मिलते हैं जो बताते हैं कि वे अपने स्कूल के दिनों में गणित के पीरियड में क्लास से बाहर ही तफरीह कर रहे होते थे. वे क्लास में इसलिए नहीं जाते थे क्योंकि वहां पर कुछ समझ ही नहीं आता था. सीधी सी बात यह कि गणित को लेकर अध्यापकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी अतिरिक्त रूप से मेहनत करनी होगी. वे गणित को अन्य विषयों की तरह से रट नहीं सकते. गणित को तो समझना ही होगा. गणित के सूत्रों और सिद्धांतों पर पकड़ बनाने के लिए आपको कसकर मेहनत करनी होगी. एक बार आपको गणित में आनंद आने लगा तो फिर तो आप दुनिया को जीते लेंगे.

देश को सम्मान दिलाया

याद रख लें कि गणित पर बिना प्रैक्टिस के महारत हासिल करना नामुमकिन है.गणित में महारत हासिल करने के लिये आपको लगातार साधना करनी होगी. गणित के प्रति समाज की सोच भी बेहद निराश करने वाली है. इसका एक उदाहरण लें. कोलकाता स्थित इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (आईएसआई) की गणित की प्रोफेसर नीना गुप्ता को अलजेब्रिक जियोमेट्रो और कम्यूटेटिव अल्जेब्रा में शानदार कार्य के लिए नीना गुप्ता को 'विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का 2021 DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार' दिया गया है. खास बात ये है कि नीना गुप्ता रामानुजम पुरस्कार जीतने वाले दुनिया की तीसरी महिला हैं. लेकिन इस महत्वपूर्ण समाचार की कहीं कोई चर्चा तक नहीं हुई. मीडिया ने पूरे देश का सारा ध्यान मिस यूनिवर्स खिताब की विजेता पर ही केंद्रित रखा . यह ठीक है कि मिस यूनिवर्स खिताब की विजेता ने भी देश को सम्मान दिलाया है I लेकिन, अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत प्रोफेसर नीना गुप्ता की उपलब्धि को पूरी तरह नजरअँदाज करना सही नहीं माना जा सकता. सबकुछ पैसे की तराजू पर तौलने की यह प्रवृत्ति हमें कहां ले जायेगी?

HIGHLIGHTS

  • आईटी सेक्टर में सफल होने के लिए इंसान की गणित बेहतर होना जरूरी है.
  • याद रख लें कि गणित पर बिना प्रैक्टिस के महारत हासिल करना नामुमकिन है 

Source : R.K. Sinha

student of India afraid of mathematics Opinion Poll Mathematics opinion of experts
      
Advertisment