यूपी में मिशन पूर्वांचल क्यों अहम ?
प्रधानमंत्री का कुशीनगर दौरा कई मायनों में अहम है। प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे में करीब 260 करोड़ रूपए की लागत से बने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरूआत की है। ये यूपी में सबसे बड़ा रनवे है।
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री का कुशीनगर दौरा कई मायनों में अहम है. प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे में करीब 260 करोड़ रूपए की लागत से बने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरूआत की है. ये यूपी में सबसे बड़ा रनवे है. 568 एकड़ में बने इस एयरपोर्ट की क्षमता 8 फ्लाइट/घंटे की है। कुशीनगर का ये एयरपोर्ट गोरखपुर से 55 किमी दूर है जबकि लखनऊ से 325 किमी. इसमें कोई शक नहीं कि इससे पूर्वांचल की आर्थिक सेहत में सुधार होगा. बताया जा रहा है कि गाजीपुर, मिर्जापुर, देवरिया और प्रतापगढ़ समेत यूपी के पूर्वांचल से सटे बिहार के इलाके को भी इससे फायदा होगा। वैसे ऐसा नहीं कि पूर्वांचल के विकास के लिए भाजपा सरकार के खजाने में सिर्फ एयरपोर्ट ही है। 22,496 करोड़ की लागत से बन रहा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी सरकार की बड़ी उपलब्धि है, इसके जरिए पूर्वांचल की तस्वीर सुधारने की दावा है. करीब 350 किलोमीटर के इस 6 लेन के एक्सप्रेस-वे से 10 जिलों की कनेक्टिविटी सुधर जाएगी. एम्स जैसे संस्थानों के जरिये भी लोगों को जोड़ने की कोशिश है. वैसे सियासत के लिहाज से देखें तो प्रधानमंत्री मोदी का इस महीने यूपी का ये दूसरा दौरा है. ऐजेंडा यूपी में विकास की तस्वीर पेश करने के इतर इसके जरिए यूपी चुनाव पर भी नजर है. दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है और पूर्वांचल को सियासत का पॉवर सेंटर कहा जाता है। पूर्वांचल में कुल 24 जिले है, जिनमें 147 विधानसभा सीटें हैं. यानी यूपी विधानसभा की करीब 33 फीसदी सीटें अकेले पूर्वांचल से आती हैं. 2017 में भाजपा को इस इलाके में 102 सीट मिली थीं. 2012 में अखिलेश यादव की सत्ता का रास्ता भी पूर्वांचल से होकर गुजरा था और 2007 में मायावती के सत्ता पर काबिज होने में पूर्वांचल की भूमिका अहम थी. लोकसभा की बात भी करें तो यूपी की 80 में से 26 लोकसभा सीटें भी अकेले पूर्वांचल से हैं. यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी सियासी तौर पर पूर्वांचल को साधना चाहती है. वैसे पूर्वांचल में बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाते कुछ फ़ैक्टर्स को समझना भी जरूरी है. मसलन, पीएम मोदी ख़ुद बनारस,पूर्वांचल से सांसद हैं. मोदी ने नई कैबिनेट में पूर्वांचल से दो मंत्रियों को जगह दी है- मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल और महाराजगंज से पंकज चौधरी केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ख़ुद गोरखपुर यानी पूर्वांचल से हैं. उनके मंत्रिमंडल में भी पूर्वांचल के जातिगत समीकरण के साथ साथ बड़े चेहरो को जगह दी गई है। पूर्वांचल के 8 नेताओं को कैबिनेट मंत्री, 2 नेताओं को राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार, जबकि पांच नेताओं को राज्यमंत्री बनाया गया है. भाजपा की कोशिश पूर्वांचल में निर्णायक निषाद समाज को साधने की है तो पूर्वांचल के बाहुबलियों अतीक़ अहमद और मुख़्तार अंसारी पर सख्त कार्रवाई कर कड़ा संदेश देने की कोशिश भी है. मतलब साफ है 2022 और 2024 में सत्ता वापिसी के लिए भाजपा की नजरें पूर्वाचंल पर टिकी है. अब देखना होगा पूर्वांचल के विकास की ये कोशिशें सियासी तौर पर भाजपा को अगले चुनावों में कितना फायदा पहुंचाती हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी