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Mobile SIM अचानक ब्लॉक क्यों हो रहे हैं? नंबर को बंद होने से बचाने के लिए कर लें ये उपाय

सरकार ने साइबर क्राइम से लोगों को बचाने के लिए सिम कार्ड ब्लॉक करने का सिस्टम बनाया है

Updated on: 26 May 2023, 09:08 PM

नई दिल्ली:

ट्रिंग ट्रिंग, ट्रिंग ट्रिंग...फोन की घंटी बजती है. फोन उठाते ही दूसरी तरफ से आवाज आती है.. सर मैं फलां बैंक के बिहाफ पर बोल रही हूं. आपके लिए क्रेडिट कार्ड का ऑफर है... दूसरी कॉल आती है... सर आपके लिए इतने लाख का प्री-सैंक्शन्ड लोन का ऑफर है... तीसरी कॉल आती है... सर आपकी गाड़ी पर इतने हजार का प्री-अप्रूव्ड लोन मिल रहा है और बस लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं. ये तो महज कुछ उदाहरण हैं, जिनसे हम आप जैसे हजारों लाखों लोगों रोजाना जूझना पड़ता है. जो समझदार होते हैं, वो इनके चंगुल में नहीं फंसते, लेकिन बहुत से लोग इनकी बातों में आकर अपनी निजी जानकारियां दे बैठते हैं और अपने बैंक खाते खाली करवा लेते हैं. इस तरह की घटनाओं पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने कई नए प्रयोग किए हैं. इनके नतीजे भी सामने आए हैं.

पिछले कुछ समय से सरकार ने साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी करने वाले लोगों के फोन नंबर ढूंढ-ढूंढकर बंद करने का सिस्टम शुरू किया है. ये सिस्टम एआई यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से लैस है. इसके तहत करीब 37 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए जा चुके हैं. दूरसंचार मंत्रालय ने खुद इसी महीने ये आंकड़ा दिया है. कहां-कहां पर कितने नंबर बंद किए गए, ये आपको आगे बताएंगे. लेकिन पहले इससे जरूरी मुद्दे पर बात कर लेते हैं. मुद्दा ये कि साइबर फ्रॉड पर नकेल की कवायद में बहुत से जेनुइन लोगों को भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है. उनके मोबाइल सिम अचानक डिस्कनेक्ट हो जा रहे हैं. आजकल के जमाने में मोबाइल फोन लोगों की जिंदगी में कितनी अहमियत रखता है, ये हमें बताने की जरूरत नहीं है. आप समझ सकते हैं कि अचानक फोन नंबर ब्लॉक हो जाए तो किसी को कैसी कैसी परेशानियां हो सकती हैं.

खैर, असल मुद्दे पर आते हैं. दूरसंचार विभाग के पास पिछले कुछ समय से ऐसी शिकायतों के अंबार लग रहे हैं, जिनमें लोग दावा कर रहे हैं कि बिना किसी सूचना के उनके जेनुइन मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए गए हैं. ये शिकायतें इतनी ज्यादा संख्या में आ रही हैं कि सरकार को खुद दखल देना पड़ा है. खबरों के अनुसार, होम मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और पुलिस कमिश्नरों को लेटर लिखा है. कहा है कि साइबर क्राइम के शक में फोन नंबरों को ब्लॉक करने से पहले री-वेरिफिकेशन के निर्देशों का पालन जरूर किया जाए. एसपी या डीसीपी स्तर के अधिकारियों से उसे सर्टिफाई कराया जाए.

फर्जी मोबाइल नंबरों पर सरकार का शिकंजा

सरकार ने साइबर क्राइम से लोगों को बचाने के लिए सिम कार्ड ब्लॉक करने का सिस्टम बनाया है. फर्जी पहचान पर हासिल किए गए फोन नंबरों को बंद किया जा रहा है. इससे बहुत से लोगों की गाढ़ी कमाई ठगों की जेब में जाने से बचाने में मदद मिल रही है. लोगों की पहचान चुराकर गोरखधंधा चलाने वालों पर शिकंजा कस रहा है. अच्छी बात है. लेकिन जेनुइन लोगों के फोन नंबर क्यों ब्लॉक हो रहे हैं? गलती कहां हो रही है? कमी कहां पर है? आइए इसके कारणों की तह में जाने की कोशिश करते हैं.

यह आप जानते ही हैं कि ज्यादातर साइबर फ्रॉड फर्जी तरीके से हासिल मोबाइल नंबरों के जरिए किए जाते हैं. फ्रॉड करने वाले लोगों की आईडी चुराते हैं, फोटो चुराते हैं और सिम कार्ड इश्यू करा लेते हैं. जब एजेंसियां ऐसे नंबरों की जांच करती हैं तो वह देखती हैं कि एक आईडी और एक जैसे फोटो पर कितने सिम इश्यू हुए हैं. अगर एक से ज्यादा सिम होते हैं तो उन सभी के बंद होने का खतरा होता है. इसमें फर्जी नंबरों के साथ जेनुइन नंबर भी शिकार हो जाते हैं.

दूसरी वजह अधिकारियों में तालमेल की कमी और कथित लापरवाही से जुड़ी ज्यादा लगती है. सूत्र बताते हैं कि सिम डिसकनेक्शन की रिक्वेस्ट डिस्ट्रिक्ट लेवल पर तैयार होती है. हर जिले में सैकड़ों मामले आते हैं. तमाम एजेंसियां इस काम में लगी होती हैं. जांच अधिकारी के लिए हर नंबर की बारीकी से छानबीन करना आसान नहीं होता. ऐसे में वह आईडी, एड्रेस प्रूफ या फोटो के आधार पर सिम नंबरों का डाटा निकालता है और कभी-कभार लिस्ट में दिख रहे सभी नंबरों को ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट कर देता है.

AI से लैस सिस्टम पकड़ रहा फर्जी सिम

फर्जी सिम कार्ड की पहचान के लिए सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सिस्टम बनाया है. इसे ASTR नाम दिया गया है. इसकी मदद से अब तक 40.86 लाख से ज्यादा संदिग्ध सिम कार्डों का पता लगाया जा चुका है. इनमें से 36.61 लाख सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं. अब ये भी जान लीजिए कि सबसे ज्यादा सिम किन राज्यों में ब्लॉक हुए. इस मामले में पश्चिम बंगाल देश में नंबर वन है. वहां पर 12.34 लाख सिम बंद किए गए. टॉप-5 राज्यों में बंगाल के बाद हरियाणा आता है जहां 5.24 लाख सिम बंद हुए. बिहार-झारखंड में 3.27 लाख, मध्य प्रदेश में 2.28 लाख और पूर्वी उत्तर प्रदेश 2 लाख से अधिक सिम डिस्कनेक्ट किए जा चुके हैं.

वैसे तो मोबाइल नंबर ब्लॉक होने पर आपके पास उसकी शिकायत करने का ऑप्शन होता है. आमतौर पर 90 दिन से पहले उसका समाधान भी हो जाता है. क्योंकि अगर ऐसा नहीं होगा तो 90 दिन के बाद वह मोबाइल नंबर किसी दूसरे को अलॉट किया जा सकता है. लेकिन इस समाधान से पहले जिस तरह लोगों की नींद हराम होती है, उसका क्या? समस्या विकराल है. इसे देखते हुए सरकार ने कुछ उपाय किए हैं. इसके मुताबिक, जेनुइन सब्सक्राइबर अपना सिम डिस्कनेक्ट होने पर अपने सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क कर सकता है. ओरिजिनल आईडी प्रूफ के साथ जाकर केवाईसी करके अपना सिम चालू करा सकता है.

प.बंगाल में सबसे ज्यादा 12 लाख सिम बंद

भारत में साइबर क्राइम की समस्या कितनी गंभीर है, यह जानकर आपका सिर चकरा जाएगा. केंद्र सरकार ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए एक पोर्टल बना रखा है. नाम है, cybercrime.gov.in यहां आप साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं. इस पोर्टल पर रोजाना वित्तीय फ्रॉड की 3500 से ज्यादा शिकायतें आती हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने जनवरी में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर भी शुरू किया है. शाह ने हाल में बताया था कि इस पोर्टल पर अब तक 20 लाख से अधिक साइबर क्राइम की कंप्लेंट आ चुकी हैं. 40 हजार मामलों में एफआईआर करके एक्शन लिया गया है. इस सिस्टम से देश के 250 से ज्यादा बैंक और वित्तीय संस्थान जुड़े हुए हैं. इनकी मदद से साइबर फ्रॉड के मामलों पर रियल टाइम एक्शन लिया जाता है. शाह ने बताया था कि इस सिस्टम की मदद से 1.33 लाख लोगों से ठगे गए 235 करोड़ अब तक वापस कराए जा चुके हैं.

अब चलते चलते एक सलाह भी ले लीजिए. अगर आप चाहते हैं कि कभी आपका सिम भी अचानक इस तरह ब्लॉक न हो जाए, तो एक काम करिए. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णन ने कुछ दिन पहले एक नया पोर्टल लॉन्च किया है, sancharsaathi.gov.in इस पोर्टल पर बस आपको अपना मोबाइल नंबर डालना होगा. ओटीपी वेरिफाई करने के बाद आप अपनी आईडी पर इश्यू सभी मोबाइल नंबर देख सकते हैं. अगर आपको लगता है कि कोई नंबर जेनुइन नहीं है, तो यहीं पर आप उसे बंद करने की रिक्वेस्ट भी डाल सकते हैं. इस पोर्टल की एक और खासियत ये है कि आप अपने खोए हुए या चोरी हुए मोबाइल को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं, ब्लॉक कर सकते हैं.

फ्रॉड की घंटी

फर्जी आईडी पर सिम से होते हैं ज्यादातर फ्रॉड
साइबर फ्रॉड रोकने को लाखों सिम बंद किए
इससे बहुत से जेनुइन सिम भी बंद हो गए
समस्या दूर करने पर काम कर रही है सरकार

सिम पर ताला

टेलिकॉम सर्कल        ब्लॉक हुए सिम
पश्चिम बंगाल                12,34,111
हरियाणा                       5,24,287
बिहार (झारखंड)            3,27,246
मध्य प्रदेश                    2,28,072
उत्तर प्रदेश (पूर्व)           2,04,658

22 सर्कल में ब्लॉक कुल सिम    36,61,201

स्रोतः दूरसंचार विभाग


साइबर ठगी का महाजाल
3500 कंप्लेंट रोज साइबर क्राइम पोर्टल पर
20 लाख शिकायतें अब तक आ चुकी हैं
40 हजार मामलों में FIR हो चुकी है
235 करोड़ रुपये वापस दिलाए जा चुके.

लेखक मनोज शर्मा के ये निजी विचार हैं.