माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए क्या असद एनकाउंटर बना मिसाल!
माफिया अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद के एनकाउंटर के बाद से यूपी की सियासत गर्मा गई है. एसटीएफ की कार्रवाई में गुरुवार को असद को मार गिराया गया.
highlights
- इस ऑपरेशन में एसटीएफ के 12 अधिकारी शामिल थे
- उमेश पाल हत्या के बाद असद काफी दिनों से फरार था
- ओवैसी के अनुसार, ये एनकाउंटर नहीं कानून की धज्जियां हैं
नई दिल्ली:
यूपी में अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद अहमद के एनकाउंटर को लेकर एक तरफ लोग सरकार की वाहवाही कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से माफियाओं की कमर टूटेगी और राज्य में इनका खौफ कम होगा. वहीं विपक्ष इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहा है. उसका कहना है कि एक समुदाय को दबाने का प्रयास हो रहा है. यूपी एसटीएफ की कार्रवाई में गुरुवार को असद को मार गिराया गया. उसी ने राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल को दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया था. सीसीटीवी में कैंद उमेश पाल की हत्या के फुटेज दर्शाते हैं कि असद उमेश के खून का प्यासा था. उसने पूरी योजना के साथ हत्या को अंजाम दिया था. उमेश पाल हत्या के बाद से वह काफी दिनों से फरार था और अपना ठिकाना लगातार बदल रहा था. मगर पुलिस के चंगुल से बच नहीं सका. एसटीएफ की टीम को पता चला था कि झांसी में वह छिपा हुआ है. इसके बाद से एसटीएफ ने उसे पकड़ने की पटकथा तैयार की. इस ऑपरेशन में एसटीएफ के 12 अधिकारी शामिल थे.
भाजपा महजब के नाम पर एनकाउंटर करती है
अब इस एनकाउंटर के बाद से राजनीति गर्मा गई है. एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदरबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने असद एनकाउंटर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने गुरुवार को कहा, भाजपा (BJP) महजब के नाम पर एनकाउंटर करती है. अदालत और जज किस लिए हैं? अदालतों को बंद कर देना चाहिए. अब क्या भाजपा वाले जुनैद और नासिर को मारने वालों को भी गोली मारेंगे, नहीं क्योंकि सरकार मजहब के नाम एनकाउंटर करते हैं.असदुद्दीन ओवैसी के अनुसार, ये एनकाउंटर नहीं कानून की धज्जियां हैं. अगर गोली से इंसाफ करेंगे तो फिर अदालतों का क्या लेनादेना है."
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हालिया एनकाउंटरों की जांच होनी चाहिए
इस हत्या के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय के रहनुमा भड़क उठे हैं. उनका कहना है कि यूपी की योगी सरकार में कानून व्यवस्था को लेकर एक समुदाय के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई हो रही है. ऐसा इसलिए कि सरकार समुदाय विशेष को दबाने की कोशिश में लगी है. इस मामले में सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है. भाजपाई न्यायालय की कार्रवाई पर कतई विश्वास नहीं करते हैं. आज के हालिया एनकाउंटरों की जांच होनी चाहिए. इसके साथ दोषियों को छोड़ा न जाए. सही-गलत के निर्णय का अधिकार सत्ता को प्राप्त नहीं होता है. भाजपा भाईचारे के खिलाफ है.
सीएम योगी ने यूपी एसटीएफ के साथ डीजीपी, स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ पूरी टीम की सराहना की. इससे पहले सीएम योगी ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी विधानसभा में आक्रामक बयान देते हुए कहा था कि इन माफियाओं को मिट्टी में मिला दिया जाएगा.
नीतीश कुमार को सीख लेनी चाहिए
इस एनकाउंटर के बाद केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि इससे नीतीश कुमार को सीख लेनी चाहिए. गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ से कुछ सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार किसी के साथ गलत नहीं करती है, यहां पर सभी को समान रूप से देखा जाता है.
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