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ये दीवाली महंगाई वाली.. महंगाई बिगाड़ेगी आम आदमी का बजट

सजावट का ज्यादातर सामान चीन से आयात किया जाता है... लेकिन चीन में चल रही बिजली की किल्लत की वजह से उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है. खबरों के मुताबिक चीन में बिजली संयंत्रों में इस्तेमाल किए जाने वाले कोयले की अधिकतर मांग ऑस्ट्रेलिया पूरी करता था..

Updated on: 01 Oct 2021, 10:10 PM

highlights

  • घर सजाना भी हु्आ काफी महंगा 
  • आम आदमी के लिए फीकी रहेगी ये दीवाली 
  • पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी की कमर तोड़ने लगी दीवाली 

New delhi:

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के साथ एक बार फिर महंगाई आम आदमी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है... शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम  30 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए.. दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में पेट्रोल का दाम 100 रुपए के पार चला गया है.. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की वजह है कच्चे तेल के रेट बढ़ना माना जा रहा है.. दिसंबर 2020 में क्रूड ऑइल का दाम  41.68 डॉलर प्रति बैरल था जो सितंबर 2021 में 77.65 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है.. तेल के दाम बढ़ने के साथ कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम भी 43 रुपए बढ़ा दिए गए हैं.. त्योहार के वक्त अधिकतर लोग सजावटी सामान और आतिशबाजी की खरीदारी करते हैं लेकिन इस साल बाजार में इन उत्पादों के भी भाव बढ़े हुए हैं..जिसके चलते आम आदमी के लिए तो यह दीवाली पूरी तरह फीकी रहने वाली है..

दरअसल, सजावट का ज्यादातर सामान चीन से आयात किया जाता है... लेकिन चीन में चल रही बिजली की किल्लत की वजह से उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है. खबरों के मुताबिक चीन में बिजली संयंत्रों में इस्तेमाल किए जाने वाले कोयले की अधिकतर मांग ऑस्ट्रेलिया पूरी करता था.. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों में तनातनी की वजह से चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेना बंद कर दिया है.. इस वजह से कोयले से चलने वाले संयंत्रों में बिजली उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है.. चीन की सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए सख्त नियम लागू कर दिए हैं जिसकी वजह से कोयले के साथ ही साथ डीजल से चलने वाले बिजली संयंत्रों पर प्रभाव पड़ा है.. बिजली की किल्लत होने की वजह से चीन के औद्योगिक इलाकों में कारखानों का उत्पादन कम हुआ है.. उत्पादन कम होने से निर्यात पर फर्क पड़ा और इसका असर भारतीय बाजारों पर साफ नजर आ रहा है..

चीन के सामान की सप्लाई बंद 
 दिल्ली के सदर बाजार के व्यापारियों के मुताबिक चीन से आने वाला सामान की सप्लाई तकरीबन बंद हो गई है.. जो सामान पहले से पड़ा था वही बिक रहा है.. लेकिन उसके भी दाम बढ़ गए हैं और जल्द सप्लाई शुरु होने की संभावना भी नहीं नजर आती..  दिवाली से पहले भारतीय बाजारों में धनतेरस के मौके पर इलेक्ट्रोनिक सामान खरीदने का भी चलन है.. इस बार इलेक्ट्रोनिक उत्पाद भी महंगे हो गए हैं.. लैपटॉप जैसे उत्पादों के दाम 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं..  चिप बनाने के लिए बड़ी मात्रा में पानी का इस्तेमाल होता है लेकिन ताइवान में इस साल सूखे जैसे हालात पैदा हो गए और पानी की कमी हो गई है.. चिप कम बनीं तो उनपर निर्भर इलेक्ट्रोनिक उत्पादों का भी निर्माण कम हुआ और इनके दाम बढ़ गए हैं..